इस धनतेरस पर केवल 1 घंटे 57 मिनट में ही कर ले खरीदारी, जाने क्या है शुभ मुहूर्त

अनीला आज़मी

डेस्क. दीपावली के पर्व का आगाज धनतेरस से ही माना जाता है। धनतेरस पर सामान खरीदना शुभ माना जाता है। इस बार खरीदारी का शुभ मुहूर्त सिर्फ एक घंटा 57 मिनट यानी करीब दो घंटा का है। धनतेरस पर इस बार सामान खरीदने का शुभ मुहूर्त सिर्फ 1 घंटे 57 मिनट के लिए होगा। यह शाम 6:20 से शुरू होकर 8:17 मिनट तक रहेगा।

इस दिन इस दिन धन के देवता भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धनतेरस कार्तिक मास के 13वें दिन और दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन क्षीर सागर के मंथन के दौरान ही मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर प्रकट हुए थे। इसी कारण धनतेरस के दिन सोने-चांदी और बरतन खरीदना शुभ माना जाता है। इस बार धनतेरस पांच नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन सामान खरीदने का शुभ मुहूर्त सिर्फ एक घंटे 57 मिनट के लिए होगा, जो कि शाम 6:20 से 8:17 मिनट तक रहेगा।

क्या ना खरीदें :-

ज्योतिषियों का मानना है कि धनतेरस के दिन नहीं गाड़ी नहीं खरीदनी चाहिए। इस दिन राहु काल रहता है और इस काल में वाहन खरीदना अच्छा नहीं होता। धनतेरस के दिन कांच का सामान नहीं खरीदना चाहिए। धनतेरस के दिन धारदार सामान जैसे कैंची, चाकू आदि नहीं खरीदना चाहिए। सिर्फ धनतेरस ही नहीं बल्कि हिंदु धर्म में सभी त्योहारों में काला रंग पहनना शुभ नहीं माना जाता है। इसी कारण धनतेरस के दिन भी काले रंग की चीजें न खरीदें।

क्या खरीदें :- 

धनतेरस को धन्वंतरि त्रियोदशी भी कहा जाता है। मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि सागर मंथन के दौरान हाथ में कलश लेकर जन्मे थे। इसी कारण धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। प्राचीन काल में लोग इस दिन नए बर्तन खरीदकर उसमें खीर पकवान रखकर धनवंतरी भगवान को भोग लगाते थे। स्वास्थ्य कामना से प्रसाद ग्रहण कर लोगों में वितरित करते थे। मान्यता है कि स्थिर लग्न में धनतेरस को पूजा करने से माता लक्ष्मी की असीम कृपा बनी रहती। धन्वंतरि देवता को पीतल भी बहुत प्रिय था, चाहे तो पीतल के बर्तन खरीद सकते हैं। भगवान कुबेर को चांदी बहुत प्रिय होती है। धनतेरस के दिन चांदी के बर्तन या जेवर या फिर सिक्का खरीद सकते हैं।

मान्यता है कि इस दिन चांदी खरीदने से यश, कीर्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ माता लक्ष्मी को कौडिय़ां, यंत्र और धनिया बहुत प्रिय बताया जाता है। इसी कारण धनतेरस के दिन कौडिय़ां खरीदकर, दिवाली के दिन इनकी पूजा करके अपनी तिजोरी में रखें। मान्यता है कि ऐसा करने से धन की हानि नहीं होती। वहीं, धनिए के बीज खरीदकर दिवाली वाले दिन गमले में उगाएं। ऐसा करने से भी धन का नुकसान नहीं होता। धनतेरस के लिए धन की माता लक्ष्मी घर में आती हैं और वो सिर्फ साफ घर में ही प्रवेश करती हैं। इस दिन झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है।

हर बार धनतेरस से दिवाली की शुरुआत हो जाती है। इस दिन ही दिवाली के दिन पूजी जाने वाली लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, खील-बताशे व मिट्टी के दीपक खरीदना अच्छा माना जाता है। इन सबके अलावा लोग अपनी जरुरत के सामान जैसे फ्रिज फर्नीचर, वॉशिंग मशीन और मिक्सर आदि भी खरीद सकते हैं। धनतेरस पर शंख, धनिया, नमक और झाड़ू खरीदने से स्थिर लक्ष्मी का वास होता है। लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, सोना,चांदी,रत्न, जेवरात, पीतल के बर्तन,चांदी के सिक्के, झाड़ू आदि खरीदें। दरिद्र भगाने के लिए झाड़ू की खरीदने की परंपरा है। विशेष सौभाग्य के लिए कौड़ी,कमलगट्टा, धनिया, पीली सरसों गुलाबी अबीर व अबरख आदि खरीदें। धनतेरस पर पांच देवताओं, गणेश जी, मां लक्ष्मी, ब्रह्मा,विष्णु और महेश की पूजा होती है। इन पांचों दिन पांच-पांच दीए जलाने से पांचों देवताओं की कृपा मिलती है।

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