पांच साल से रची जा रही थी गौरी लंकेश के हत्या की साजिश – एसआईटी

मनोज गोयल

नई दिल्ली. गौरी लंकेश पत्रकारिता का एक बड़ा नाम था। अपनी बेबाक पत्रकारिता के लिये गौरी लंकेश मशहूर थी। शायद यही बेबाकी उनकी मौत की वजह बन गई। पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बेंगलुरू की एक अदालत में एक अतिरिक्त आरोप पत्र दाखिल किया है और हिंदू सगंठन सनातन संस्था पर आरोप लगाया है। विशेष जांच दल ने प्रधान नागरिक और सत्र अदालत में शुक्रवार को नौ हजार 235 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है।

आरोप पत्र में कहा गया है कि सतातन संस्था के भीतर एक नेटवर्क ने गौरी लंकेश को निशाना बनाया। इसमें यह भी कहा गया है कि गौरी की हत्या की साजिश पांच साल से रची जा रही थी। विशेष लोक अभियोजक एस बालन ने मीडिया से बताया, “मृतक और हत्यारे के बीच निजी या कोई अन्य रंजिश नहीं थी। उन्हें इसलिए मारा गया क्योंकि वह एक खास विचारधारा को मानती थीं, उसके बारे बोलती और लिखती थीं। इसलिए यह कोई विचारधारा और कोई संगठन होगा।”

विशेष जांच दल ने इस मामले की जांच आगे भी जारी रखने की इजाजत मांगी है। इससे पहले मई में जांच दल ने सनसनीखेज मामले में पहला आरोप पत्र दाखिल किया था। वाम समर्थक और हिंदुत्व विरोधी विचारों के लिए जानी जाने वाली 55 वर्षीय लंकेश की पिछले साल पांच सितंबर को उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में व्यापक विरोध हो रहा था। इसके बाद सिद्धरमैया सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया था।

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