सऊदी अरब पर शिकंजा कसने लगा, ब्रिटिश विदेश मंत्री ने कहा रियाज़ खाशुकजी हत्याकांड में पूरा सहयोग करे
आफ़ताब फ़ारूक़ी
ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने जो सऊदी अरब व संयुक्त अरब इमारात के दौरे पर हैं सऊदी नरेश से मुलाक़ात करके अहम मुद्दों पर बात की है।
जर्मी हंट ने सोमवार को सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ सेे मुलाक़ात की। वे इसी तरह सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान से भी मुलाक़ात करने वाले हैं। सऊदी अरब के सरकार विरोधी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के बाद किसी वरिष्ठ अंग्रेज़ अधिकारी की यह पहली सऊदी यात्रा है और इसे अत्यंत अहम माना जा रहा है। सीएनएन ने हंट की सऊदी अरब की यात्रा के लक्ष्यों के बारे में बताया है कि यह यात्रा, सऊदी अरब को ख़ाशुक़जी हत्याकांड में तुर्की के साथ पूरा सहयोग और यमन युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हो रही है। जर्मी हंट ने भी ख़ुद भी इस यात्रा से पहले कहा था कि हम सऊदी अरब को इस बात के लिए तैयार करने की कोशिश करेंगे कि वह जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के मामले में हो रही जांच में पूरा सहयोग करे ताकि उनके परिवार को न्याय मिल सके। उन्होंने इसी तरह कहा कि विश्व समुदाय अब भी जमाल ख़ाशुक़जी की पाश्विक हत्या से पूरी तरह आक्रोशित है।
सीएनएन ने रिपोर्ट दी है कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री की संयुक्त अरब इमारात की यात्रा यमन में शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयासों के समर्थन के अंतर्गत हो रही है। हंट ने यमन के ख़िलाफ़ सऊदी अरब के युद्ध के बारे में भी कहा है कि यमन युद्ध के लिए जो मानवीय क़ीमत चुकाई गई है उसका हिसाब नहीं किया जा सकता, दसियों लाख बेघर, भूख, सूखा, बीमारी और वर्षों का रक्तपात। इस समय एकमात्र समाधान यह है कि हथियार रखने और शांति स्थापित करने के लिए एक राजनैतिक फ़ैसला किया जाए।
यमन के अंसारुल्लाह संगठन के प्रमुख अब्दुल मलिक अलहूसी ने गत बुधवार को अमरीका की ओर से यमन में शांति स्थापना के निमंत्रण को ढकोसला बताते हुए कहा था कि जब भी अमरीका शांति की बात करता है तो उसका यह मतलब होता है कि हमलों का नया चरण शुरू होने वाला है। उन्होंने इसका कारण हथियारों की बिक्री से मिलने वाले अपार लाभ को बताते हुए कहा था कि अमरीका को यमन युद्ध में आर्थिक दृष्टि से बहुत अधिक लाभ हासिल हुआ है।