कानपुर – मखदूम शाह (जाजमऊ) का सालाना उर्स हुआ संपन्न

मोहम्मद रियाज़

कानपुर। आज मखदूम शाह आला जाजमऊ में आज बहुत ही इज़्ज़त ओ एहतराम से उर्स ए पाक मनाया गया। जिसकी शुरुआत नात पाक पढ़ कर किया गया अदनान राफे फारूखी सज्जाद नशी मखदूम शाह आला की मौजूदगी में अम्न और मोहब्बत के पैकर हज़रत मखदूम शाह आला का 760वां उर्स धूम धाम से मनाया गया।

हज़रत मखदूम शाह आला के उर्स और कुल में लाखों लोगों ने मुल्क की सलामती, प्रदूषण मुक्त भारत और साफ सफाई के लिए विशेष दुआ की। उर्स में कव्वाली और महफिले समां के साथ आवाम ने फ़ातेहखुवानी की काजी शहर मौलाना आलम रज़ा नूरी साहब ने बताया कि हज़रत मखदूम शाह आला ने अपने 60 साल का जीवन जाजमऊ में बिताया 27 सफर को आप दुनिया से पर्दा कर गए आप का इतिहासिक मजार जाजमऊ में बना हुआ है । यहाँ हर धर्म के लोग आते है और जायज दुवा मांगने वाले इससे फैज़ पाते है।

कानपूर के जाजमऊ के टीले पर हज़रत मखदूम शाह आला की दरगाह ,खानकाह है। मखदूम शाह आला हजरत उमर फारूक रज़ी अल्लाह के सिलसिले से है जो मुल्क ईरान के ज़नज़ान शहर में पैदा हुए थे । आपका नाम अला-उल-हक वद्दीन है जो कानपूर में आकर मखदूम शाह आला के नाम से मशहूर व मारूफ हुए ।

उर्स के बाद मौलाना समीम नूरी ने दुवा की जिसमे मौलाना साहब ने मुल्क के अमनो अमान के लिए दुवा किया और जो नव जवान जुआं शराब सत्ता जैसी चीजो में पड़ गए है उन्होंने उनसे दूर रहने के लिए कहा मुसलमानों के लिए कहा कि वो अपने बच्चो को इल्म जरूर दे इल्म से परिवार भी अच्छा होता है और नस्ले भी इसी लिए कहा कि आधी रोटी घर मे खाये लेकिन बच्चो को जरूर पढ़ाये उर्स में लाखो लोग मौजूद थे ।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *