सुप्रीम कोर्ट की अहवेलना करने में किसान मशगूल, कर रहा है अपना नुकसान
बापु नन्दन मिश्रा
चचाईपार(मऊ): तेजी से बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए सुप्रीमकोर्ट द्वारा जारी आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने धान व गेहूं की पराली जलाने पर रोक लगा दिया है। इसके बावजूद खेतों में धान की पराली धड़ल्ले से जलाई जा रही है।
यद्यपि कि इसके वैज्ञानिक कारण है कि खेत मे पराली जलाने से छः इंच अंदर तक के सभी किसान मित्र जीवाश्म मर जाते हैं। जिससे खेत की उर्वरा शक्ति क्षीण हो जाती है। खेत बंजर बन जाते हैं लेकिन किसान अपने तात्कालिक लाभ देख रोज ब रोज पराली जलाने में मसगूल है। उनके ऊपर आदेश का कोई असर नही है।