रुबैला टीकाकरण अभियान के जागरूकता हेतु कार्यशाला का हुआ आयोजन

संजय ठाकुर

मऊ: खसरा और रूबैला टीकाकरण अभियान के जागरूकता को और बढ़ाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी प्रकाश बिन्दु की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन सम्पन्न हुआ। खसरा और रूबेला कार्यशाला के बारे में विस्तारपूर्वक सुनिता सिंह एच0ई0ओ0 द्वारा बताया गया कि खसरा रोग कैसे फैलता है, खसरा एक जानलेवा रोग है जो वायरस से फैलता है। खसरा रोग के कारण बच्चें में विकलांगता या उनकी असमय मृत्यु हो सकती है। खसरा एक बेहद संक्रामक रोग है यह इससे प्रभावित व्यक्ति के खांसने या छीकने से फैलता है सामान्य तौर पर खसरे के लक्षण चेहरे तथा शरीर पर गुलाबी लाल दाने या चकत्ते, अत्याधिक बुखार, खांसी, नाक बहना, और आंखों का लाल हो जाना। खसरा-रूबैला (एम0आर0) का टीकाकरण खसरा और रूबैला बीमारियों से सुरक्षा प्रदान कराता है।

इसके साथ ही यदि गर्भवती महिलाओं को रूबैला के प्रति प्रतिरक्षित किया जा चुका है तो नवजात शिशु भी कंजेनिटल रूबैला सिंड्रोंम (सी0आर0एस0) के प्रति सुरक्षित रहेंगे। इसमें बहुत छोटे बच्चों 05 वर्ष से कम और व्यस्कों 20 वर्ष से ज्यादा उम्र के लिए खसरा जानलेवा सिद्ध हो सकता है क्योकि इसके कारण होने वाले डायरिया, निमोनिया और मस्तिष्क के संक्रमण की वजह से मृत्यु हो सकती है। इसका कोई निश्चित इलाज नहीं है लेकिन टीकाकरण द्वारा इससे बचाव किया जा सकता है। खसरे से पीड़ित व्यक्ति को आराम करना चाहिए, भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ लेना चाहिए और बुखार को नियंत्रित रखना चाहिए। खसरा रोग के दौरान मरीज को विटामिन ए की दो खुराक दी जानी चाहिए। इसीप्रकार रूबैला बीमारी के बारे बताया कि यदि कोई स्त्री गर्भावस्था के आरम्भ में ही रूबैला वायरस से सवंमित हो गई तो स्त्री में जन्मजात रूबैला सिंड्रोम सी0आर0एस0 विकसित हो सकता है जो उसके गर्भ से पलने वाले भ्रूण और नवजात शिशु के लिए बेहद गंभीर हो सकता है।

इनमें से बहुत से रोग जीवनभर के लिए विकलांग बना सकते हैं जिनके उपचार, शल्य चिकित्साओं आदि पर बहुत अधिक धन व्यय करना पड़ता है। इस संक्रमण के कारण गर्भपात, समय पूर्व प्रसव या मृत शिशु का जन्म हो सकता है। जन्मजात रूबैला सिंड्रोम के कारण बहुत से रोग, विशेषकर आंखो में ग्लूकोमा, मोतियाबिन्द, कानों से सुनने की शक्ति खत्म होना, मस्तिष्क में माइक्रोसिफ्ली, मानसिक विकास में अवरोध तथा हृदय को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए आप हम सब मिलकर इस बीमारी को दूर करने के लिए अपने बच्चों को जो 9 माह से 15 वर्ष तक के हों उनको राष्ट्रीय एम0आर0 अभियान के अन्तर्गत टीकाकरण लगवाना है। इसमें सबकी सहभागिता जरूरी है।

उक्त अवसर पर जिलाधिकारी प्रकाश बिन्दु ने कहा कि यह एक गम्भीर बीमारी है जो हमारे देश या समाज के बच्चों या महिलाओं में समस्या का कारण बन रहा है उसे खत्म करने के लिए आप सबकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी होनी चाहिए तभी समस्या का हल किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने बताया कि यह एक महत्वपूर्ण कार्यशाला/बैठक हैं इसमें सबकी सहभागिता अनिवार्य है। इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में अनुपस्थित प्रधानाचार्य/प्राईवेट डाक्टरों को सख्त निर्देश दिये कि यदि अगले कार्यशाला/बैठक में अनुपस्थित पाये जायेंगे तो आपके खिलाफ विभागीय कार्यवाही और आपसे सम्बन्धित विद्यालय/प्राईवेट हास्पिटल की मान्यता खत्म कर दी जायेगी। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं की जायेगी।

उक्त अवसर पर डा0 एम0लाल0, डा0 वकसल्ल अली, डा0 रमनझां, डा0 एस0एन0 आर्या, डा0 डी0के0सिंह, डा0 आर0डी0फैजान, डा0 एस0राज गोपाल, सरोज राना डी0एम0सी0 यूनिसेफ, देवेन्द्र प्रताप एन0यू0एच0एम0 सहित डाक्टर एवं अध्यापक उपस्थित रहे।

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