सुशासन पर बड़ा सवाल, दबाव बनाकर 75 किमी दूर दफ़न करवाया था, तीन हफ्ते बाद भी माब लीचिंग के शिकार जैनुल के हत्यारे क्यों नही पकड़ पा रही पुलिस
नितीश कुमार कुशवाहा
सीतामढ़ी: जब नितीश कुमार लालू के साथ मिलकर सरकार चला रहे थे तो यही भाजपा बिहार को जंगलराज का दर्जा देने को बेचैन थी। अब मामला पलट चूका है। अब सत्ता पक्ष भाजपा के साथ खड़ा है और भाजपा सत्ता में नितीश की पार्टनर के तरह है। अब वहा सुशासन राज है मगर फिर भी अपराध सर चढ़ कर बोल रहा है। माब लीचिंग के शिकार बुज़ुर्ग के लाश को उसके परिवार पर दबाव डाल कर 75 किलोमीटर दूर दफन करवाने वाली सुशासन बाबु की पुलिस तीन सप्ताह बाद भी हत्यारों को नही पकड़ पा रही है।
त्यौहार बिता रही है सुशासन बाबु की पुलिस
बिहार के सीतामढ़ी में 82 वर्षीय बुजुर्ग की भीड़ द्वारा हत्या (मॉब लिंचिंग) के 3 सप्ताह बाद भी अभी तक आरोपी पकड़ से बाहर हैं। पुलिस का कहना है कि अभी उनका पूरा ध्यान छठ के त्योहार पर है। एक बार छठ शांतिपूर्वक बीत जाए तब इस मामले में जांच आगे बढ़ाई जाएगी। आपको बता दें कि बिहार के सीतामढ़ी में तीन हफ्ते पहले हुई हिंसा में उन्मादी भीड़ ने पहले बुजुर्ग जैनुल अंसारी का गला रेता और उसके बाद चौक पर जिंदा जला दिया था। परिवार को इस घटना का पता तीन दिन बाद चल पाया। दरअसल, हिंसा के दौरान सीतामढ़ी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी, लेकिन हत्या के तीन दिन बाद जब एक घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बहाल की गई तब जैनुल अंसारी के परिजनों को एक वायरल फोटो मिला, जो उनकी हत्या का था।
क्या नही करना चाहती सुशासन बाबु की पुलिस कार्यवाही
सीतामढ़ी के एसपी विकाश बर्मन ने कहा कि इस मामले में छठ पूजा के बाद कार्रवाई की जाएगी। अभी पुलिस का पूरा ध्यान बगैर किसी बाधा के शांतिपूर्वक तरीके से छठ संपन्न कराने पर है। एसपी ने कहा कि अभी तक कुल 38 लोग पकड़े गए हैं, लेकिन उनका संबंध हिंसा से है न कि जैनुल अंसारी की हत्या से। दूसरी तरफ, जैनुल अंसारी के परिजनों का कहना है कि उन्होंने पुलिस को एक आरोपी की फोटो भी दी है, लेकिन अभी तक उसकी पहचान नहीं हो पाई है। इस पूरे मामले में कहा यह भी जा रहा है कि प्रशासन के दबाव की वजह से जैनुल अंसारी के परिजनों को उनका शव पैतृक गांव से 75 किलोमीटर दूर मुज़फ़्फ़रपुर में दफ़नाना पड़ा। अब सवाल ये उठता है कि सुशासन का दावा करने वाले नितीश बाबु क्या वोट की राजनीत में पड़े है।