व्यापारियों के लिये आतंक का पर्याय बना था मनोज, मुठभेड़ में धरदबोचा आदमपुर पुलिस ने
अनुपम राज
वाराणसी। आतंक का पर्याय बना व्यापारियों से रंगदारी मांगने वाला मनोज मुठभेड़ में आदमपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आदमपुर इंस्पेक्टर राजीव सिंह ने सोमवार की रात आदिकेशव घाट के पास मुठभेड़ में सहारनपुर जिला जेल में बंद संतोष शुक्ला के बड़े भाई मनोज शुक्ला को गिरफ्तार किया। इस दौरान मनोज शुक्ला ने पुलिस टीम पर फायर भी झोंका, लेकिन जवाबी कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर राजीव सिंह और उनकी टीम ने मनोज को दौड़ाकर गिरफ्तार कर लिया। मनोज के पास से 32 बोर की पिस्टल, बाइक और एक सैमसंग की मोबाइल बरामद हुआ है। देर रात तक पुलिस मनोज के आपराधिक इतिहास के बारे में पता कर रही थी।
पूर्व में 50 हजार का इनामी रहा लक्सा निवासी संतोष शुक्ला फिलहाल सहारनपुर जिला कारागार में बंद है। संतोष शुक्ला का बड़ा भाई मनोज शुक्ला इन दिनों अपने भाई के इशारे पर गैंग का संचालन कर रहा था और वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली सहित आसपास के जिलों से संतोष शुक्ला के नाम पर कारोबारियों से रंगदारी वसूल रहा था। दिखने में बेहद साधारण लगने वाला मनोज अपने भाई संतोष शुक्ला के जेल जाने के बाद लक्सा इलाके को छोड़कर इधर-उधर छिपकर रह रहा था। वाराणसी पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच मनोज की तलाश में लगी हुई थी।
मनोज कभी भी अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखता था। जब उसे किसी कारोबारी से रंगदारी वसुलना होता था तो वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था। सोमवार की रात मनोज शुक्ला सरायमोहाना गांव से आदिकेशव घाट की ओर होकर जा रहा था। इस दौरान इंस्पेक्टर राजीव सिंह को मुखबिर से सूचना मिल गई। पुलिस टीम के साथ इंस्पेक्टर राजीव सिंह आदिकेशव घाट के पास घेराबंदी कर जब बाइक से आते हुए मनोज को घेर लिया तो वह बाइक छोड़कर पुलिस पार्टी पर फायरिंग करते हुए वापस भागने लगा, लेकिन पुलिस ने उसे दौड़ा कर पकड़ लिया। आदमपुर पुलिस रात 1:30 बजे तक मनोज शुक्ला से पूछताछ कर रही थी।