हर घर में नल पर लगेंगे मीटर, जलकर पूरा नहीं वसूला तो नही मिलेगी अनुदान राशि

रंजीत कुशवाहा

भिंड (मध्यप्रदेश). भिंड शहर में अमृत व जलप्रदाय योजना में बड़े प्लान मिलने के बाद अब नगरीय प्रशासन विभाग ने नगर पालिका के ढीले रवैए पर नकेल कसना शुरू कर दी है। अगले 2 सालों में पानी का उपयोग करने वाले हर घर की मॉनिटरिंग के लिए जल मीटर लगाने होंगे। जलकर की राशि की 100 प्रतिशत वसूली करना होगी। ऐसा नहीं होने पर शासन नपा को अनुदान देना बंद कर देगा।

नगरीय प्रशासन विभाग ने जारी निर्देश में कहा है, कि जल प्रबंधन योजना के लिए खर्च व रखरखाव का इंतजाम करने के लिए नपा को गंभीर होना पड़ेगा। नल कनेक्शन को लेकर मीटर लगाने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करें। इसके लिए एजेंसी तय करने का जिम्मा नगरपालिका का है। हर घर के नलों में मीटर लगे इसके लिए राजस्व विभाग व जलप्रदाय विभाग रिपोर्ट तैयार करें। अब शासन द्वारा जलप्रदाय योजना को पूरी तरह स्ववित्त योजना बनाया जाएगा। नपा को जल प्रबंधन के लिए हर हाल में वसूली करना ही होगी।

नपाध्यक्ष कलावती मिहोलिया के मुताबिक नगर पालिका द्वारा जलप्रदाय सिस्टम को अपडेट करने के लिए हर मकान का सर्वे किया जाएगा। राजस्व विभाग के मुताबिक शहर में करीब 40 हजार मकान है जबकि नल कनेक्शन की संख्या करीब 20 हजार है। यानी नपा को अभी करीब 20 हजार को नल कनेक्शन देना होगा। नपा हर मकान का सर्वे कर उन्हें नल कनेक्शन से जोड़ेंगे। मीटर लगाए जाएंगे। इससे नपा के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। शहर में सार्वजनिक नलों की व्यवस्था को भी धीरे-धीरे बंद किया जाएगा। नपा को जलप्रदाय सिस्टम में अब हर 2 साल में खर्च का मूल्यांकन करना होगा। जलप्रदाय प्रबंधन के लिए अब पर खर्च होने वाले बजट पूरी राशि करों के रूप मे वसूलना जरूरी होगा। जलप्रदाय की कम वसूली होने पर अंतर की राशि की भरपाई भी नपा को ही करना होगी। शासन में इसमें राहत नहीं देगा।

हर 2 साल में खर्च का मूल्यांकन कर नपा जलकर राशि को बढ़ा सकती है। शहर में अभी 8 टंकी और 51 बोरों से पानी की सप्लाई की जा रही है। वर्तमान में उपभोक्ता 40 रुपए हर महीने के हिसाब से बिल जमा कर रहा है। साल में नपा महज 80 से 90 लाख वसूली ही कर पाती है। ऐसे में शहरवासियों पर नगरपालिका का करीब 4 करोड़ 50 लाख से अधिक रुपए बकाया है। जलप्रदाय व्यवस्था को सभी घरों में मीटर लगाने के प्लान में नल कनेक्शन को लेकर नए नियम लागू करने होंगे। इसमें नल कनेक्शन गेट के साथ मकानों की साइज, उपयोग के प्रयोजन के आधार पर मिलेंगे। इसके लिए छह अलग कैटेगरी में आवेदन होंगे।

इसके प्रभार निम्नवत होंगे

  1. 10 किलो लीटर (10 हजार लीटर) तक पानी का प्रति माह उपयोग करने पर 150 रुपया शुल्क देना पड़ेगा। यह फिक्स रहेगा।
  2. इसके बाद हर 10 किलो लीटर पर 15 रुपए प्रति किलो लीटर के हिसाब से चार्ज मीटर रीडिंग के मुताबिक बढ़ेगा।
  3. बगैर नल कनेक्शन वाले मकानों से पानी प्रबंधन का नल कनेक्शन आवेदन का निपटारा 1 सप्ताह व कनेक्शन 15 दिन के अंदर होगा।
  4. नलों में मीटर लगाने के लिए चरणबद्ध प्लान बनेगा। दो साल में यह काम पूरा होगा।

इनका कहना है

अमृत सहित अन्य बड़ी योजनाएं आने के लिए जलप्रबंधन सिस्टम को अपडेट करना जरूरी हो गया है। आने वाले समय मे चंबल का पानी, नए फिल्टर प्लांट का संचालन सहित बढ़ते शहर की जरूरत पूरी करने वाला जलप्रबंधन काफी खर्चीला होगा। इसके लिए वसूली पर ज्यादा ध्यान देना पड़ेगा। मीटर लगाने की योजना पर जल्द काम शुरू करेंगे।

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