पर उपकार सरस ममकाया संत स्वभाव सहज खगराया
बापूनन्दन मिश्र
रतनपुरा/मऊ: यह उद्गार हैं अयोध्या से पधारे संत राम दयाल बापू जी के जो स्थानीय बाजार के काली मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए शानिवार को व्यक्त किए ।अपने प्रवचन में बापू जी ने कहा कि मनुष्य का जन्म बड़े भाग्य से मिलता है इसके लिए तो ऋषि महर्षि भी तरसते हैं ,
बड़े भाग्य मानुष तन पावा …
ऋषि दुर्लभ सुर संतहि गावा…
मनुष्य का जन्म लेकर अधिगम सिर्फ माया मोह में फंसे रहे तो जीवन निरर्थक है हमें परम पिता परमेश्वर के प्रति भी भक्ति और प्रेम भाव प्रदर्शित करना है सेवा करनी ,क्योंकि उसी परम पिता परमेश्वर की देह सृष्टि है समस्त सृष्टि का संचालन परम पिता परमेश्वर के द्वारा ही होता है इसलिए उस परमपिता परमेश्वर को अपने दिल में बसाया है तभी आपका कल्याण होगा ।
सियाराम मय सब जग जानी..
करहू प्रनाम जोरि जुग पानी…
बापू जी ने श्री राम चरित्र मानस को मर्यादा का महासागर बताते हुए कहा रामचरित्र मानस का हर एक पात्र अनुकरणीय है मानस का हर पात्र जिस मर्यादा का निर्वहन करता है वह अन्यत्र मिलना दुर्लभ है ।आज के परिवेश में आवश्यक है राम राम चरित्र मानस के जो आदर्श पात्र हैं उनका चिंतन करें मन करें और यथासंभव अपने जीवन में अनुसरण भी करें आज सारा विश्व जब भौतिकता की अंधी दौड़ में दौड़ता हुआ परेशान हाल है ऐसे में राम कथा यह कैसा मार्ग है जो समस्त सृष्टि को कल्याण के मार्ग पर ले जा सकती है समस्त सृष्टि का कल्याण कर सकती है आज पूरे विश्व में रामचरित्र मानस शोध का विषय बना हुआ उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम का जिक्र करते हुए कहा -प्रातकाल उठके रघुनाथा मात पिता गुरु नावही माता।
माता पिता और गुरु का सम्मान हमारी संस्कृति का मूल सार है परन्तु आज हम उद्देश्य भटक गए हैं श्रवण कुमार के देश में वृद्धा आश्रम, राम के देश में अर्थ के लिए भाई भाई में संघर्ष, सीता और सावित्री के देश में अजीबो गरीब हाल हम कहां से कहां आ गए उन्होंने जोर देकर कहा राम चरित्र मानस विजय मार्ग बताया है जीवन जीने का उस मार्ग को अपनाने से ही कल्याण होगा मानव कल्याण और श्रेष्ठ कल्याण के लिए आवश्यक है कि हम राम चरित्र मानस के अनुसार आचरण करें और सब को अपने समान समझते हुए उसका आदर करें उन्होंने कहा राम नाम का मंत्र ही एक ऐसा मंत्र है जिसके सहारे इस भवसागर को पार किया जा सकता है इस अवसर पर स्थानीय क्षेत्र के विभिन्न नामों से आए हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे।