रामकथा से संवर जाता है लोक परलोक
कमलेश कुमार
अदरी(मऊ) कोपागंज विकास खंड के रामजानकी मंदिर मेला मैदान इंदारा में माँ सरवस्ती सेवा ट्रस्ट के तरफ से श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। इस दौरान अयोध्या से पधारे कथा वाचक अवधेश जी महाराज ने कहा कि राम कथा के श्रवण से दुराचारी जीवों का भी कल्याण हो जाता है। संसार में मनुष्य सुख तो प्राप्त कर सकता है लेकिन उसे शांति नही मिलती।
उन्होंने बताया कि मनुष्य जब राम कथा रूपी सागर मे गोता लगाता है तो उसका लोक व परलोक दोनों ही सुखद हो जाता है। और कहा कि नश्वर चीजों को पाने के लिए मनुष्य तमाम अनैतिक कार्य करता है लेकिन उसे शांति नहीं मिलती है। राम कथा सुनने से बुद्धि ठीक हो जाती है।भगवान शंकर जब कैलाश पर्वत छोड़कर मां सती सती के सहित कथा श्रवण करने के लिए चले कुंभज ऋषि के आश्रम पंचवटी पहुंचे भगवान शंकर का खूब आदर किया। कुंभज ऋषि ने उनके आदर करने की प्रक्रिया को देख कर मां सती के मां हो गई कि जो हमें कथा सुनाने वाले हैं। वह मेरे पति का आदर कर रहे हैं तो कथा क्या सुनाएंगे यह सोच कर यह सोचकर उनके मन में कथा के प्रति निरादर का भाव हुआ। लेकिन भगवान शंकर ने मन लगाकर कथा सुनी रामकथा मुनि बरज बखानी सुनी महेश परम सुख मानी, शंकर भगवान ने सुनी तो उनके हर इच्छाओं की पूर्ति हुई। भगवान के दर्शन हुए लेकिन सती अंबा ने नहीं सुनी तो उनको नहीं दर्शन नहीं हुए और अंत में उनको अपने जीवन का आत्मदाह करना पड़ा। कथा में श्रोताओ में अभिषेक सिंह, निरंजन सिंह, राणा प्रताप, रवि गुप्ता, सुमन, बाबू उदयभान, अंकुर सिंह बजरंगी उर्फ बज्जु आदि श्रोता उपस्थित रहे।