श्रीराम कथा से मन और चित्त कर लें निर्मल, अवधेश जी महाराज
कमलेश कुमार
अदरी(मऊ). कोपागंज विकास खंड के रामजानकी मंदिर मेला मैदान इंदारा में माँ सरवस्ती सेवा ट्रस्ट के तरफ से श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। इस दौरान अयोध्या से पधारे श्रीराम कथा का वाचन करते हुए अवधेश महाराज जी ने कहा कि गोस्वामी तुलसी दास कहते हैं कि हमारे शरीर में गुण और अवगुण दोनों समान रूप से विरामज मान हैं, लेकिन सतसंग की शरण में जाते ही हमारे चित्त और मन से अवगुण समाप्त हो जाते हैं और गुण जागृत हो जाते हैं।
जगत में रामकथा साक्षात परमात्म स्वरूप है। यह जगत में मंगल प्रदान करती है, धन प्रदान करती है, धर्म साधती है और परमात्मा के पावन धाम तक पहुंचने में मदद करती है। जीव का जीवन मानस का दर्पण है। यदि जीव इसी विश्वास के साथ रामकथा का श्रवण करे तो निश्चित ही यह उसके लिए फलदायी होगा। कथा जीवन के चित्त को निर्मल बना देती है। अमरता प्रदान करने वाली रामकथा कामधेनु है, यह जीव के जीवन को सहज बना देती है। महाराजश्री ने भक्तों से आग्रह करते हुए कहा कि देश की आत्मा बच्चे हैं और संस्कारवान नागरिकों के लिए आप अपने बच्चों को कथा सुनने के लिए प्रेरित करें। कथा में श्रोताओ में अभिषेक सिंह, निरंजन सिंह, राणा प्रताप, रवि गुप्ता, सुमन, बाबू उदयभान, अंकुर सिंह बजरंगी उर्फ बज्जु आदि श्रोता उपस्थित रहे।