वक्त ने किया ये क्या सितम- अब अनुप्रिया पटेल की अपना दल ने तरेरी आँखे, दिया भाजपा को झटका
ईदुल अमीन
वाराणसी। इसको वक्त की बलिहारी ही तो कहेगे कि छोटे छोटे क्षेत्रीय दल भी अब अपनी आँखे भाजपा को दिखानी शुरू कर चुके है। भाजपा ने जहा बिहार में नितीश और पासवान के आगे कही न कही उनकी मांगो को मानते हुवे घुटने टेक दिये तो उत्तर प्रदेश में अब अनुप्रिया पटेल की अपना दल और ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा ने भी आँखे तरेरनी शुरू कर दिया है। इस बीच जहा अनुप्रिया समर्थको ने आज मोदी के कार्यक्रम में दुरी बना लिया तो वही दूसरी तरफ वाराणसी की लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी भी कर दिया है। इस प्रकार देखा जाए तो अनुप्रिया पटेल की अपना दल ने बीजेपी को डबल झटका दे दिया है।
शनिवार को गाजीपुर व बनारस में पीएम नरेन्द्र मोदी की सभा से दूरी बनाने के बाद सबसे बड़ी सीट पर दावा ठोक दिया है। इसके चलते बीजेपी में हड़कंप मच गया है। यूपी में बीजेपी के दूसरे सहयोगी दल ओमप्रकाश राजभर ने पहले ही तेवर सख्त किए हुए हैं और सुभासपा ने महागठबंधन में जाने का भी विकल्प खुला रखा है। बिहार में रामविलास पासवान ने बीजेपी पर दबाव बना कर गठबंधन के तहत मनमानी सीट हासिल की है इसके बाद से बीजेपी के सहयोगी दलो ने भी तेवर सख्त कर लिए है। अपना दल ने बीजेपी पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी की सभा में नहीं जाने का ऐलान किया है साथ ही पीएम नरेन्द्र मोदी की संसदीय सीट बनारस पर अपना दावेदारी करके बीजेपी को डबल झटका दिया है। बीजेपी के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी की संसदीय सीट सबसे बड़ी मानी जाती है जहां पर राहुल गांधी, अखिलेश यादव व मायावती के संभावित महागठबंधन ने पीएम को घेरने के लिए खास रणनीति बनायी है ऐसे में बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल ने बनारस सीट पर दावेदारी करके सभी को बैकफुट पर ला दिया है। अपना दल ने खास रणनीति के तहत ही इस सीट पर दावेदारी की है। अनुप्रिया पटेल जानती है कि बीजेपी किसी कीमत पर यह सीट सहयोगी पार्टी को नहीं देगी। ऐसे में इस सीट के बदले बीजेपी को अपने कोर्ट की सीट अपना दल को देनी होगी।
अपना दल के पास है दो लोकसभा सीट, बीजेपी से 10 सीटों की मांग की
अपना दल के पास इस समय मिर्जापुर व प्रतापगढ़ लोकसभा सीट है जहां से क्रमश: अनुप्रिया पटेल व कुंवर हरिवंश सिंह सांसद है। अपना दल को लोकसभा चुनाव 2019 में बनारस समेत कुल 10सीटे चाहिए। इनमे फूलपुर की सीट भी शामिल है, जहां से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या सांसद थे और उनकी सीट छोडऩे के बाद हुए उपचुनाव में सपा ने इस सीट पर जीत हासिल की है। अपना दल ने सीटों को लेकर बीजेपी पर दबाव बढ़ा दिया है अब देखना है कि बीजेपी क्या करती है।
ओमप्रकाश राजभर को भी चाहिए न्यूनतम पांच सीट
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को भी बीजेपी से न्यूनतम पांच लोकसभा सीट चाहिए। सुभासपा ने पहले ही पीएम नरेन्द्र मोदी की सभा का बहिष्कार किया है। राजभर वोटरों को साधने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी कुछ देर में महाराजा सुहेलदेव के नाम से डाक टिकट जारी करेंगे। सुभासपा ने मनमानी सीट नहीं मिलने पर महागठबंधन में जाने का विकल्प खुला रखने की बात कहते हुए बीजेपी की परेशानी बढ़ायी हुई है अब देखना है कि यूपी की राजनीति में बीजेपी के दो सहयोगी दल कितने सीटों पर चुनाव लड़ते हैं।