महिला चिकित्सक का तबादला प्रकरण – आरएसएस के भैया जी और सीएमओ खीरी के खिलाफ लगाए मुर्दाबाद के नारे
फारुख हुसैन
पलिया कलां (लखीमपुर):आरएसएस के भैय्या जी और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ सोमवार को लोग सड़कों पर उतर आए। महिलाओं, वकीलों, व्यापारियों सभी ने जुलूस निकालकर आरएससएस के भैय्या जी और सीएमओ के खिलाफ जोरदार ढंग से नारेबाजी की। दरअसल पलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हाल ही में संविदा पर तैनात की गई गायनाकोलॉजिस्ट डा. शिल्पी का तबादला गोला कर दिया गया है।
जबकि उनके कार्यों से क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं का भला हुआ, डा. शिल्पी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत महिलाओं को लाभांवित किया और ऐसा करने वाली जिले की वह पहली महिला चिकित्सक हैं। बावजूद इसके राजनैतिक संरक्षण प्राप्त लोगों के इशारे पर उनका पलिया से तबादला कर दिया गया है। जिसका विरोध इलाके की जनता कर रही है। सोमवार को तबादले के विरोध में आक्रोशित लोगों ने जुलूस निकाला, मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराया। इससे पहले सभी पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में जुटे, जहां पर वक्ताओं ने स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों द्वारा जनहित के विरूद्ध किए गए महिला चिकित्सक के तबादले को गलत करार दिया। इसके बाद सभी जुलूस निकालते हुए टॉकीज चौराहे पर पहुंचे। यहां पर अधिवक्ताओं, वकीलों, महिलाओं, समाजसेवियों समेत विभिन्न संगठनों के लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराया।
सभी ने एक स्वर में महिला चिकित्सक का तबादला निरस्त करने की मांग उठाई। आक्रोशित लोगो ने आरएसएस के भैया जी व सीएमओ खीरी मुर्दाबाद के भी नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन के चलते करीब डेढ़ घंटे तक टॉकीज चौराहा जाम की गिरफ्त में आ गया। सूचना मिलने पर कोतवाल दीपक शुक्ला और सीओ प्रदीप यादव मौके पर पहुंचे। जिन्हें मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री को संबोधित एक ज्ञापन मौजूद लोगों द्वारा सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि नेपाल बार्डर से सटे और जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर पलिया जैसे इलाके में कई वर्षों के बाद एक महिला डाक्टर की तैनाती हुई थी जिनका जनहित के विरूद्ध तबादला कर दिया गया है। इसे रोका जाना आवश्यक है ताकि इलाके की गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
बिना काम के तनख्वाह ले रही डा. सुष्मिता के खिलाफ भी गुस्सा
दरअसल पलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद में तैनात होम्योपैथिक चिकित्सक डा सुष्मिता मिश्रा के पति की आरएसएस में अच्छी पहुंच है और उन्हीं के कहने पर बेहतर कार्य कर रहीं महिला चिकित्सक डा. शिल्पी का तबादला कर दिया गया है। खुद सुष्मिता मिश्रा अस्पताल में संविदा पर2014 से लगातार कार्यरत हैं। उन पर आरोप लग रहे हैं कि जब डा. शिल्पी यहां नहीं आई थी तो वे यहां आने वाली महिला मरीजों को बाहर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में रेफर कर देती थीं, जहां से उनका कमीशन बंधा हुआ था, जबसे डा. शिल्पी सरकारी अस्पताल में आई तभी से डा. सुष्मिता की कमाई बंद हो गई थी। जिसके बाद षड्यंत्र रचकर उनका तबादला करवा दिया गया है। लोगों में डा. सुष्मिता मिश्रा के खिलाफ भी आक्रोश देखने को मिला। बताया जाता है कि अस्पताल में 2015 के बाद से होम्योपैथिक दवाएं ही नहीं आईं है बावजूद इसके होम्योपैथिक चिकित्सक के पद पर डा सुष्मिता मिश्रा जमी हुई हैं और उनका तबादला नहीं होता।