मिस्टर 36′ को देश की सेना को अपने निजी ‘एसेट’ की तरह इस्तेमाल करने पर शर्म नहीं आती है – राहुल गाँधी

आदिल अहमद/ इमरान अख्तर

नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक का केंद्र सरकार ने काफी प्रचार किया था और उस समय इसको जनता ने काफी सराहा था। हालाकि उस समय भी विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथो लिया था। मगर अब जब सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा इस मुद्दे पर बयान जारी करा गया है तो भाजपा पर एक बार फिर कांग्रेस हमलावर हो गई है। सर्जिकल स्ट्राइक पर सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा द्वारा बयान दिए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है।

डीएस हुड्डा ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता पर शुरुआती उत्साह स्वाभाविक था मगर इसका जरूरत से ज्यादा प्रचार किया गया, जो अनुचित था। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि सर्जिकल स्ट्राइक को जरूरत से ज्यादा तूल दिया गया। सेना का ऑपरेशन जरूरी था और हमें यह करना था। अब इसका कितना राजनीतिकरण होना चाहिए, वह सही है या गलत, यह ऐसा सवाल है, जो राजनेताओं से पूछा जाना चाहिए। बता दें कि जब 29 सितंबर, 2016 को नियंत्रण रेखा में सर्जिकल स्ट्राइक किया गया था, तब लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा जो अब सेवानिवृत्त हो चुके है, उत्तरी सेना के कमांडर थे।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, एक सच्चे सिपाही की तरह बात करने वाले जनरल, भारत को आपके उपर गर्व है। ‘मिस्टर 36’ को देश की सेना को अपने निजी ‘एसेट’ की तरह इस्तेमाल करने पर शर्म नहीं आती है। उन्होने सर्जिकल स्ट्राइक का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया और राफेल डील का इस्तेमाल अनिल अंबानी की निजी संपत्ति को 30000 करोड़ बढ़ाने के लिए। बता दें कि ‘मिस्टर 36′ शब्द का प्रयोग राहुल गांधी ने पीएम मोदी के ’56 इंच सीने’ का मज़ाक बनाते हुए किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा जो अब रिटायर्ड हो चुके है, उस वक्त सर्जिकल स्ट्राइक की लाइव वीडियो फीड देख रहे थे। जिसे उरी आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में लॉन्च किया गया था। बता दें कि उरी अटैक में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा 19 भारतीय सैनिक मारे गए थे। आर्मी ने कहा था कि स्पेशल फोर्सेस ने आतंकवादियों पर जोरदार हमला कर उन्हें काफी नकुसान पहुंचाया, जो भारतीय सीमा में घुसने का इंतजार कर रहे थे।

सेवानिवृत्त सेना अधिकारी ने लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा चंडीगढ़ में सैन्य साहित्य समारोह (एमएलएफ) में भाग लिया और वहां उन्होंने कहा कि मैंने उरी आतंकवादी हमले के दो सप्ताह से भी कम समय के भीतर आतंकियों से बदला लेने के लिए विशेष बलों की योजना (सर्जिकल स्ट्राइक) को मंजूरी दे दी थी। जनरल हुड्डा सैन्य साहित्य महोत्सव 2018 के पहले दिन शुक्रवार को ‘सीमा पार अभियानों और सर्जिकल स्ट्राइक की भूमिका’ विषय पर चर्चा में बोल रहे थे। इसमें पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बंडनोर और सेना के कई पूर्व जनरलों और कमांडरों ने भी हिस्‍सा लिया। कार्यक्रम में शामिल हुए दिग्‍गज अधिकारियों ने सैन्य अभियानों के ‘राजनीतिकरण’ को लेकर आगाह किया।

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