बांदा – कोटेदार गए हड़ताल पर, नहीं उठाएंगे राशन

प्रत्युष मिश्रा

बांदा। आल इंडिया फेयर प्राइज शाप डीलर्स फेडरेशन के बैनर तले सोमवार को सैकड़ों की संख्या में कोटेदारों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में कोटेदारों ने कहा है कि पूर्व में राजधानी में उचित दर विक्रेताओं ने धरना-प्रदर्शन किया था और समस्या निस्तारण की मांग की गई थी, लेकिन समस्याओं का निस्तारण नहीं किया गया। तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार प्रदर्शन करते हुए कोटेदारों ने राशन का उठान न करने का निर्णय लिया है।

उत्तर प्रदेश के समस्त उचित दर विक्रेताओं ने उत्तर प्रदेश राशन विक्रेता संघर्ष समिति के चेयरमैन अशोक कुमार मेहरोत्रा के आवाहन पर 18 जनवरी को राजधानी में विशाल धरने का आयोजन किया था। इसमें शासन स्तर से आए प्रतिनिधि को अपना ज्ञापन सौंपकर मांगों को जल्द से जल्द पूरा किए जाने की मांग की थी। मांगें पूरी न होने के कारण आल इंडिया फेयर प्रइाज शाप डीलर्स फेडरेशन ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और राशन का उठान न करने का निर्णय लिया। ज्ञापन में मांग की गई है कि अन्य प्रदेशों की तरह उत्तर प्रदेश के कोटेदारों को 200 से 250 रुपए प्रति कुंतल लाभांश दिया जाए और 25 हजार से 30 हजार रुपए मानदेय दिया जाए, या इसके बराबर लाभांश दिया जाए, समस्त दुकानदारों को खाद्यान्न व केरोसिन आयल डोर स्टेप डिलेवरी के माध्यम से पूरी मात्रा में तौलकर तथा बारदाने का वनज घटाकर दिलाया जाए।

यह आदेश केंद्र सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार का भी है, उसका पालन किया जाए। 2001 से अब तक प्रदेश के दुकानदारों का एपीएल, बीपीएल, अंत्योदय तथा एमडीए आदि का भाड़ा जो बकाया है, उक्त धनराशि अधिकारियों की लापरवाही के द्वारा नहीं दी जा रही है, उसे दिलाया जाए। मृतक आश्रित व्यवस्था के अंतर्गत पूर्व की भांति दुकानदारों के आश्रितों को दुकानें आवंटित की जाए, दुकानदारों पर लगाए गए फर्जी मुकदमों की निष्पक्ष जांच करवाकर घोटाले के असली दोषी विभागीय अधिकारियों आपरेटरों के खिलाफ कार्यवाही कर निर्दोष दुकानदारों की जांच पुनः संचालित कराई जाए।

इसके साथ ही राशन दुकानदारों की जांच में मार्केटिंग विभाग को यह दायित्व न दिया जाए, क्योंकि इन्हीं के द्वारा घटतौली करके राशन दुकानदारों को खाद्यान्न देते हैं। सूबे में ईपाश मशीन लगाई गई हैं, मशीनें पूरी तरह से फेल हैं। सर्वर कनेक्टीविटी खराब है, जिससे विवाद होता है। मशीनों के साथ-साथ मैन्युवल वितरण का आदेश दिए जाने समेत तमाम मांगें शामिल हैं। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में कोटेदार मौजूद रहे।

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