शिवराज और रमण सरकार के दौरान हुवे खर्चो पर कैग की पड़ी टेढ़ी नज़र,
आफताब फारुकी
भोपाल: छत्तीसगढ़ में रमण और मध्यप्रदेश में शिवराज की सरकार गिरने के बाद अब दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती है। समाचारों के अनुसार कैग की रिपोर्ट में शिवराज सिंह चौहान के राज में कई विभागों में कथित तौर पर घोटाले और अनियमितता की तरफ इशारा किया गया है। कैग के मुताबिक वाहन कर, स्टॉम्प पंजीकरण शुल्क, खनन, जल कर, वाणिज्यिक कर विभागों से सरकारी खजाने को कुल मिलाकर 6270.37 करोड़ का नुकसान हुआ।
कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि पेंच परियोजना में 376 करोड़ की अनियमितता की गई।सार्वजनिक उपक्रमों में 1224 करोड़ का नुकसान, छात्रावास संचालन में 147 करोड़ की अनियमितता हुई है। मार्च 2017 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष की कैग रिपोर्ट में कहा गया कि शिवराज सरकार के दौरान 2016-17 के वित्तीय वर्ष में भारी अनियमितताएं हुईं। रिपोर्ट के अनुसार सरकार निगम-मंडलों में निवेश करती रही लेकिन नुकसान बढ़ता रहा। 2012 से 2017 के दौरान राज्य के निगम-मंडल लगातार घाटे में रहे। इसमें सरकार को 4 हजार 857 करोड़ का नुकसान हुआ। वहीं 2017 में एक हजार 224 करोड़ का नुकसान हुआ था। यही नहीं सरकारी विभागों ने 18 हजार करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया।
वही छत्तीसगढ़ में भी कैग रिपोर्ट के मुताबिक 4601 करोड़ के टेंडर में गड़बड़ी की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 17 विभागों के अधिकारियों ने 4601 करोड़ के टेंडर में 74 ऐसे कंप्यूटर का इस्तेमाल निविदा अपलोड करने के लिए किया गया था जिनका इस्तेमाल वापस उन्हीं टेंडरों को भरने के लिए किया गया।