जेएनयु प्रकरण – पुलिस ने दाखिल किया 1200 पेज की चार्जशीट

आदिल अहमद/आफताब फारुकी

नई दिल्ली : जेएनयु का मामला देश में काफी चर्चित रहा है। इस मामले में आरोप था कि कन्हैया कुमार और उनके साथियों ने एक कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारे लगाये थे। मामला तीन साल गुजरने के बाद भी केवल आरोप प्रत्यारोप तक सीमित थे। मगर अब दिल्ली पुलिस ने जेएनयू मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट आज दाखिल कर दी है। ये चार्जशीट सेक्शन-124 A,323,465,471,143,149,147,120B के तहत  पेश की गई है। चार्जशीट में कुल 10 मुख्य आरोपी बनाए हैं जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य हैं। इसके अलावा चार्जशीट में सात कश्मीर छात्र और 36 अन्य लोग हैं।

चार्जशीट के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे। गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस द्वारा प्रस्तुत चार्जशीट में दावो के अनुसार पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है। इसके साथ ही कहा गया है कि कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी। चार्जशीट में जिन सात कश्मीरी छात्रों के नाम हैं, उनसे पूछताछ हो चुकी है।

कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य और 7 कश्मीरी छात्रों के नाम कॉलम नंबर 11 में रखे गए हैं। कॉलम नंबर 11 का मतलब ये होता है कि इन आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और इन पर केस चलाया जा सकता है। बाकी 36 लोगों के नाम कॉलम नंबर 12 में रखा गया है जिनमें डी राजा की बेटी अपराजिता और शहला राशिद भी शामिल हैं। कॉलम नंबर 12 का मतलब ये हैं कि ये आरोपी तो हैं लेकिन जांच में पुलिस को इनके खिलाफ सबूत नहीं मिले। देशद्रोह, दंगा भड़काना, अवैध तरीके से इकठ्ठा होना और साज़िश के आरोप में पेश चार्जशीट में कुल 46 आरोपी हैं।

पुलिस सूत्रों के से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस मामले में सबूत के तौर पर  घटना के वक़्त के कई वीडियो फुटेज, जो सीबीआई की सीएफएसएल (में जांच के लिए भेजे गए थे और जिसके नमूने  पॉजिटिव पाए गए थे, इसके अलावा मौके पर मौजूद कई लोगों के बयान, मोबाइल फुटेज, फेसबुक पोस्ट, बैनर पोस्टर शामिल हैं। वहीं जेएनयू प्रशासन, एबीवीपी के छात्र, सिक्योरिटी गार्ड, औऱ कुछ अन्य छात्र को भी इसमें गवाह बनाया गया है।  इस मामले करीब 30 और लोग संदिग्ध पाए गए थे। लेकिन उनके खिलाफ सबूत नहीं मिले थे। तय आरोपों के अनुसार कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की जानकारी पहले से थी। सात कश्मीरी छात्रों जिनके नाम चार्जशीट में हैं। उनसे भी पूछताछ की जा चुकी हैं, पर इन्हें बिना गिरफ्तारी के चार्जशीट किया गया है। कुल 1200 पेज की चार्जशीट है। इस ममाले में 90 गवाह बनाए गए हैं।

आरोपी सभी कश्मीरी छात्र जामिया अलीगढ़ और जेएनयू के छात्र हैं। सबूत के तौर पर करीब 10 वीडियो क्लिप अहम सबूत हैं, जिनकी जांच सीबीआई की सीऍफ़एसएल में हुई थी। दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में गवाहों के बयानों के आधार पर यह बताया है कि कन्हैया ने देश विरोधी नारे लगाए लगाए थे। जो वीडियो मिले हैं उनसे ये पता चलता है कि कन्हैया वहां थे। जो वीडियो भाषण वाला है उसमें क्या है? ये साफ नहीं किया।

चार्जशीट में मुख्य आरोपी के रूप में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान जो गिरफ्तार हुवे थे और ज़मानत पर रिहा है के अलावा मुजीर (जेएनयू छात्र) और उसका भाई मुनीर (एएमयु छात्र नेता) के अलावा जामिया यूनिवर्सिटी का उमर गुल, बसारत (जामिया), रईस रसूल, दातो के डाक्टर अकीब, जेएनयु का छात्र खालिद भट्ट शामिल है। ये सभी कश्मीरी हैं जिनके ऊपर नारे लगाने का आरोप है और ये गिरफ्तार नहीं हुए थे। इसके अलावा 36 आरोपी चार्जशीट में कालम नम्बर 12 में हैं। इनमें प्रमुख हैं सहला रशीद, अपराजिता राजा (डी राजा की बेटी), रामा नागा, अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में एसोशिएट प्रोफेसर बंजोशनला लाहरी, आशुतोष, इशान है। पुलिस ने केस का आधार, वीडियो फुटेज, सीएफएल रिपोर्ट और बयान को बनाया है जिसमे कई गवाहों को शामिल किया गया है।

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