गरीबी का ऐसा मज़ाक – सुबह से शाम तक बैठे रहे गरीब, नही मिला सरकार के तरफ से आया कम्बल
फारुख हुसैन
मितौली-खीरी। ठंड से ठिठुर रहे दर्जनों लोग सोमवार को एक कम्बल की आस में सुबह से शाम तक एसडीएम आफिस के बाहर बैठे रहे। लेकिन फिर भी देर शाम लोगों को मायूस होकर जाना पड़ा। कम्बल वितरण को लेकर गरीबों के साथ घिनौना मजाक करने का एक मामला सोमवार को तहसील मुख्यालय पर देखने को मिला। एक कम्बल की आस में लोगों की भीड़ एसडीएम आफिस के बाहर पूरे दिन जमा रही।
लेकिन ठंड से ठिठुर रहे लोगों को सही बात करने तक की जरूरत नहीं समझी। लोग भूखे प्यासे सुबह से शाम तक कम्बल के इंतजार में बैठे रहे। एसडीएम, तहसीलदार अपने अपने कमरों में बैठे बैठे काम निपटाते रहे। लेकिन किसी ने इनकी सुधि नहीं ली। आफिस से निकलते समय एसडीएम ने यह कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया कि तहसीलदार कम्बल देगें। वह जरूरी काम से जा रहे है। तहसीलदार की प्राइवेट गाड़ी देर शाम तक उसके आफिस के बाहर खड़ी है। लोग इसी वजह से कम्बल मिलने की आस में लोग देर शाम तक एसडीएम आफिस के बाहर बैठे रहे। लेकिन फिर भी देर शाम तक लोगों को कम्बल नहीं मिल सकें। अंधेरा होने पर लोग मजबूरन खाली हाथ घर वापस लौटने को विवश हो गए।