कांग्रेस ने लगाया मोदी सरकार पर स्पेक्ट्रम ठेकों में 69,391 करोड़ के घोटाले का आरोप
हर्मेश भाटिया/ शाहरुख़ खान
नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों के करीब आते आते आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चूका है। राफेल के मुद्दे पर अपनी किरकिरी झेल रही भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर अब कांग्रेस ने एक और बड़ा हमला करते हुवे चार सालो के स्पेक्ट्रम ठेकों पर सवालो के घेरे खड़े करते हुवे मोदी सरकार पर 69,391 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है। इस मामले पर कांग्रेस द्वारा जाँच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करवाने की मांग किया है।
मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में माइक्रोवेव स्पेक्ट्रम के ठेकों को लेकर मोदी सरकार को घेरते हुवे, कहाकि मोदी सरकार ने ‘पहले आओ-पहले पाओ’ नियम के तहत माइक्रोवेव स्पेक्ट्रम दोस्तों को बांट दिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि ठेकों के लिए बोली लगाई जाए। खेड़ा ने कहा कि कैग की रिपोर्ट बताती है कि मोदी सरकार ने 2015 में पहले आओ-पहले पाओ नीति के तहत स्पेक्ट्रम बांटे। रिपोर्ट के मुताबिक दिसम्बर 2012 में दूरसंचार विभाग ने एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने कहा था कि बोली लगाई जाए। जबकि 2015 में एक आवेदक हो ठेका दे दिया गया।
पवन खेडा ने कहाकि कैग ने पाया है कि नये के बदले पुराने तरीके से राजस्व वसूला गया। निजी कंपनियों को 45 हजार करोड़ का लाभ पहुंचाया गया। कुल मिलाकर स्पेक्ट्रम के ठेके में चार सालों में मोदी सरकार ने 69,381 करोड़ का घोटाला किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल बजाया लेकिन खुद इतना बड़ा घोटाला किया। दूसरी तरफ कहते हैं कि चार सालों में कोई आरोप नहीं लगा। खेड़ा ने कहा कि सरकार को इस मामले की जांच करवानी होगी। कांग्रेस समयबद्ध जांच की मांग करती है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच हो क्योंकि किसी भी संस्था में भरोसा नहीं रहा।
एक सवाल का जवाब देते हुवे खेड़ा ने कहा कि कर्नाटक में बात अस्थिरता की नहीं है। घोटालों के पैसे से खरीद-फरोख्त की कोशिश हो रही है। इनके हाथ कुछ आने वाला नहीं है। नीयत में खोट से कुछ नहीं होने वाला है। सवर्ण आरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि हम पहले से ही कह रहे थे कि नौकरियां ही नहीं हैं तो आरक्षण से क्या लाभ होगा? निजी कॉलेजों की स्थिति बताती है कि सरकार ने होमवर्क नहीं किया। लाना ही था तो दो साल पहले लाते। जाहिर है सरकार की नीयत में खोट है।