वाराणसी कप्तान साहब – अभियुक्तों को न्यायालय में पेश करने के पहले मुख्यालय पर क्या चाय नाश्ता करवाती है रोहनिया पुलिस ?
तारिक आज़मी
वाराणसी. उच्चाधिकारी जितने चाहे उतने आदेश देते रहे, मगर पुलिस कर्मी खुद में बदलाव लाने को तैयार नहीं है। प्रदेश में कई घटनाये ऐसी हो चुकी है जिसमे पेशी के दौरान अभियुक्त फरार हो गया है। जाँच में पाया गया कि पुलिस कर्मियों ने अभियुक्त से मित्रवत व्यवहार दिखाया और अभियुक्त रफूचक्कर हो गया। इसमें दो कदम आगे रोहनिया पुलिस निकल चुकी है। इसको बड़े अधिकारियों का भी डर नहीं है और सिर्फ चाय पान और नाश्ते पर नियमो को ताख पर धर कर मौज लेने का मौका नही छोड़ते है।
घटना आज दिनांक 9 जनवरी की है जब वाराणसी मुख्यालय पर रोहनिया पुलिस ने सभी आदेशो को और नियमो को ताख पर रखा और हथकड़ी में युवक को न्यायालय में पेश करवाने लाये और ठीक मुख्यालय गेट के बगल में चाय के दूकान पर चाय नाश्ते का दौर लगभग आधे घंटे तक चला, कई दौर पकौड़ियो का चला और फिर चाय उसके बाद पान का बीड़ा चबा कर थाने के सिपाहियों ने आरोपी को अदालत में पेश किया।
घटना कुछ इस प्रकार है कि रोहनिया थाना में दर्ज पास्को के एक अपराध में आरोपी सतीश कुमार की रोहनिया पुलिस ने अपने प्रयास से गिरफ़्तारी किया। लिखा पढ़ी के बाद आज उसको न्यायालय में पेश करने के लिये दो कांस्टेबल के साथ कचहरी भेजा गया। नियमो के अनुसार आरोपी को सीधे न्यायालय में पेश किया जाता है। मगर नियमो को ताख पर रख कर अपने पेट की आग को ठंडा करने के लिये सिपाहियों ने पहले चाय नाश्ते का दौर मुख्यालय के गेट पर चलाया और फिर उसके बाद आरोपी को लेकर अदालत में पेश किया। इन सिपाहियों को इसका भी डर नहीं था कि इसी रास्ते से जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान से लेकर समस्त उच्चाधिकारियों का आना जाना है। इसी जगह सभी पत्रकार मुख्यालय के समाचारों के संकलन के लिये इकठ्ठा रहते है। उनकी बहादुरी का आलम ये था कि हमारे द्वारा इस मामले में नाम वगैरह पूछे जाने के बावजूद भी ये इससे बेफिक्र रहे कि ये खबर का हिस्सा बन सकता है और ये आराम से चाय नाश्ते का लुत्फ़ उठाते रहे। अब देखना होगा कि कप्तान साहब उनको इस बहादुरी का क्या इनाम देते है ?