जन स्वास्थ्य रक्षकों की बैठक संपन्न,प्रदेश सरकार को दी जल्द से जल्द बहाल करने की चेतावनी
अंजनी राय
वाराणसी || प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित स्थित भारत माता मंदिर के प्रांगण में जन स्वास्थ्य रक्षकों की एक मासिक बैठक आहूत की गई बैठक में जिला अध्यक्ष राज नारायण पटेल ने बताया कि जन स्वास्थ्य रक्षक प्रत्येक एक हजार आबादी पर एक नियुक्त किए गए थे जनता पार्टी शासन काल में स्वर्गीय राजनारायण सिंह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जो 2 अक्टूबर 1977 को जनपद के प्रत्येक गांव में जन स्वास्थ रक्षक नियुक्त कर प्रारंभिक चिकित्सा सुचारू रूप से चलाने के लिए इस तरह का योजना चलाया था जो 31 अक्टूबर 2002 में पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के कार्यकाल में बंद करा दिया गया था जिसके बाद से जन स्वास्थ्य रक्षक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाई कोर्ट ने जन स्वास्थ्य रक्षकों की अपील को स्वीकारते हुए उस पर अंतिम निर्णय जन स्वास्थ्य रक्षकों के पक्ष में अपनी फैसला सुना दी
फैसले में कहा कि जो जन स्वास्थ्य रक्षक 1977 में नियुक्त हुए हैं उन्हीं का गणना कर समायोजन करें लेकिन पीएम के संसदीय क्षेत्र में इस आदेश की अवहेलना होते दिखाई दे रही है वहीं चंद्रभान यादव बलिया जन स्वास्थ्य रक्षक का कहना रहा कि जिस समय हम लोगों की नियुक्ति हुई थी उस समय ₹50 प्रतिमाह मानदेय पर और ₹50 की चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गई थी लेकिन उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने इसे बंद कर दिया जिसके भौतिक सत्यापन गणना के लिए प्रत्येक जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को यह आदेश हुई है कि वह प्रत्येक गांव विकास खंड से या गणना करें कि कितने जन स्वास्थ्य रक्षक की मृत्यु हो गई है और कितने अभी जीवित हैं
जीवित जन स्वास्थ्य रक्षकों की गणना कर विभाग को सौंपे लेकिन अभी तक यह कार्य नही हुई जिससे सभी जन स्वास्थ्य रक्षक बेरोजगार व भुखमरी के कगार पर पहुँच चुके है उनका मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से यह माँग है कि जल्द से जल्द हम सभी जन स्वास्थ्य रक्षको को समायोजित करे।सभी लोगो की माँग है कि जन स्वास्थ्य रक्षको की तथा मृतक आश्रितों की बहाली एवं असक्षम जन स्वास्थ्य रक्षको को वृध्दा पेंशन देने हेतु सरकार से मांग भी की है।कुछ एनजीओ के लोग नए लड़को की नियुक्ति हेतु हर मुख्यचिकित्सा अधिकारी पर दबाव बना रहे है।इस अवसर पर शिव मोरिक,शिवदयाल, चन्द्रभान यादव बलिया,रामजी,मंगला उपस्थित रहे।