जालिमो की कहानी – बड़े नेताओं तक पहुँच रखता था मुख्य साजिशकर्ता पदम शुक्ला, भाई का है बजरंग दल से सम्बन्ध
प्रत्युष मिश्रा
बांदा। यूपी और एमपी की सीमा में आने वाली धर्म नगरी चित्रकूट, दो मासूम बच्चों के अपहरण के बाद निर्मम हत्या से थर्रा गयी। जघन्य हत्याकांड की खबर मिलते ही आक्रोशित जनता सड़कों पर उतर आई। भीड़ हटाने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा। बता दे कि 13 दिन पहले अपहृत हुए दो सगे भाइयों का चित्रकूट से अपहरण हुआ था। दोनों का शव आज बाँदा के यमुना नदी में मिला। पूरे मामले में पुलिस व एसटीएफ की किरकिरी हुई है। हालांकि पुलिस ने मुख्य सरगना सहित 6 लोंगो को ग्रिफ्तार करने का दावा किया है। पकड़े गए आरोपियों में एक बजरंग दल का स्थानीय नेता का भाई भी है। जिसकी मोटरसाइकिल व बोलेरो गाड़ी का इस्तेमाल अपहरण में किया गया था।
बता दे कि 12 फरवरी को मध्यप्रदेश के चित्रकूट स्थित सतगुरु ट्रस्ट के विद्यालय परिसर में बस के अंदर से दो बदमाशों ने तमंचे की नोक पर शिवांश व दिव्यांश नाम के जुड़वाँ भाइयों का अपहरण कर लिया था। इनके पिता ब्रजेश रावत चित्रकूट में तेल के कारोबारी हैं। दोनों बच्चों को छुड़ाने के लिए सतना, चित्रकूट व बाँदा पुलिस सहित एसटीएफ की टीम लगी हुई थी। पुलिस और एसटीएफ की टीम अंधेरे में तीर चलाती रही। और फर्जी तरीके से बच्चों की बरामदगी के शिगूफे छोड़ने में व्यस्त रही। उधर बदमाश गुपचुप तरीके से 20 लाख रुपए फिरौती के ले गए और बात बात में एनकाउंटर करने वाली योगी की तीरंदाज पुलिस को भनक तक नहीं लगी। बीती सुबह दोनों बच्चों के शव बाँदा जिले के मर्का थाना अंतर्गत यमुना नदी में बरामद हुए।
बदमाशो ने दोनों बच्चों को जंजीर में बांध कर यमुना नदी में फेंक दिया। आज जैसे ही लोंगो को इस जघन्य हत्याकांड की जानकारी हुई तो पूरे चित्रकूट में उबाल आ गया। आक्रोशित लोग लाठी डंडे लेकर ट्रस्ट पहुँच गए। भीषण नारेबाजी के बीच भीड़ ने अंदर घुसने का प्रयास किया। पुलिस के रोकने पर पत्थर भी फेंके गए। जवाब में पुलिस को आंसू के गोले फेकने पड़े और लाठियां भांजनी पड़ी। बवाल की आशंका को देखते हुए धारा 144 लगा दी गयी और यूपी एमपी की सीमा को सीज कर दिया गया। फिर भी लोग पुलिस की हीलाहवाली के खिलाफ और अपराधियों को उन्हें सौपे जाने की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे।
बात करे अपराधियो की तो पुलिस ने पूरे मामले में 6 लोंगो को ग्रिफ्तार किया है। रीवा आईजी जोन चंचल शेखर ने बताया कि बच्चों को घर मे ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक रामकेश यादव के मन मे लालच आया उसने अपने भांजे पिंटा यादव को बताया। पिंटा यादव ने पदम शुक्ला को बताया। पदम शुक्ला सद्गुरु ट्रस्ट के शास्त्री का लड़का है। पदम शुक्ला ने पूरे अपहरण की साजिश रची। इसके साथ बाँदा का रहने वाला लकी उर्फ आलोक सिंह, राजू उर्फ राजेश दुवेदी निवासी बाँदा, और बिहार का विक्रम जीत सिंह भी को षड़यंत्र में शुमार किया। यह लोग फिरौती के लिए राहगीरों का मोबाइल इस्तेमाल करते थे और लोकेशन से बचने के लिए इंटरनेट कालिंग करते थे। लेकिन एक राहगीर को इन पर शक हो गया और उसने मोटर साइकिल की फ़ोटो खींच ली। जिसके आधार पर एक के बाद एक सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने पांच मोटर साईकिल बरामद की और बीजेपी का झंडा लगी एक बुलेरो बरामद की है।
बताया जा रहा है कि उक्त बुलेरो मुख्य साजिश कर्ता पदम शुक्ला के भाई विष्णु कांत की है जो बजरंगदल का क्षेत्रीय संयोजक है। सहारनपुर के बाद बजरंग दल से सम्बंधित एक और संयोजक अब पुलिस के निशाने पर आ गया है। बड़ी पकड़ रखने वाला पदम् शुक्ला भाजपा के और भाजपा के अन्य सहयोगी दलों के भीतर बड़ी पकड़ रखता है। फिलहाल घटना के बाद से परिवार में कोहराम मच गया है। दो मासूम लाल उनके बीच नहीं रहे। परिवार सहित पूरा जनपद शोक में डूबा हुआ है। साथ ही इस कृत्य के खिलाफ लोंगो के अंदर गुस्सा भी है। लोग हत्यारो को फांसी की मांग कर रहे है। पूरे चित्रकूट में तनाव का माहौल है। और कहीं न कही पुलिस की नाकामी का दंश भी।