चौरी चिकित्सालय की स्वास्थ्य व्यवस्था रामभरोसे
परिचायक या अनजान आदमी देता है दवा
प्रदीप दुबे विक्की
ज्ञानपुर,भदोही। चौरी बाजार का होम्योपैथिक अस्पताल रामभरोेसे चल रहा हैं। चिकित्सक व फार्मासिस्ट की मनमानी से यह अस्पताल बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। जिले के इस अस्पताल में डॉक्टर के लापता होने की वजह से परिचायक के द्वारा संचालित किया जा रहा है, इस अस्पताल का ताला खोलकर वहा से परिचायक भी नदारद रहता है।विचित्र स्थिति व जगह पर होने के कारण पहले तो मरीज आते नहीं और आते भी है तो परिचायक से दवा लिए, यदि वह भी न मिले, तो उल्टे पैर बैरंग लौट जाते हैं।
जब उक्त की पड़ताल एक टीम के द्वारा किया गया तो अस्पताल तो खुला था परन्तु वहा पर कोई मिला नहीं, कुछ देर बाद वहा पर एक सज्जन आये उन्होंने अपना नाम सुरेन्द्र बताया और डॉ प्रतिमा सिन्हा के न होने की बात बताई, जब टीम ने दवा मांगी तो उस भद्र पुरुष ने दवा भी उपलब्ध करा दिया, जब इसके बारे में जिला होम्योपैथिक अधिकारी भदोही विनय कुमार श्रीवास्तव से बात की गयी तो उनके द्वारा उक्त अस्पताल में कार्यरत एक कर्मचारी सुरेन्द्र की ड्यूटी भदोही अस्पताल पर और डॉ प्रतिमा की कुम्भ में लगने की बाते की गयी, फिर अस्पताल खुलने और दवा देने की बात पर उनके द्वारा कम्पाउण्डर दवा देने के लिए वेरीफाई है, बतलाते हुए जाच करने के लिए कहा गया, यक्ष प्रश्न यह है की जनपद के शीर्ष सम्बंधित अधिकारी को अपने अधीनस्थ अस्पताल में कार्यरत लोगों का पता न होना और कम्पाउण्डर को दवा देने योग्य बताना बहुत अटपटी बात लगी।