इस्राईली जनरल की रिपोर्ट से इस्राईल में हड़कंप, कभी भी छिड़ सकती है आर-पार की लड़ाई, 1973 का युद्ध लगेगा खेल, डरते हैं इस्राईली सैनिक हिज़्बुल्लाह से …
आफ़ताब फ़ारूक़ी
: इस्राईल में एक खुफिया रिपोर्ट में इस्राईली सेना और हिज़्बुल्लाह की तुलना की गयी है… कुछ तथ्य आप भी पढ़ें…
इस्राईल की उत्तरी सीमा पर हिज़्बुल्लाह के साथ किसी भी समय टकराव आरंभ होने के खतरे के बाद, इस्राईली सेना का आरंभ होने वाला युद्धाभ्यास समाप्त हो गया है।
इस्राईली मीडिया के अनुसार जनरल यारून बीतून ने येरुश्लम पोस्ट के साथ एक वार्ता में बताया है कि उत्तर में जल्द ही होने वाली लड़ाई के लिए युद्धाभ्यास की बात हो रही है।
इस्राईली सेना ने दिसंबर में ही उत्तरी ढाल नामक एक युद्धाभ्यास किया और उसके दौरान दावा किया कि लेबनान से मिलने वाली सीमा को सुरक्षित बना दिया गया है किंतु हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह के हालिया इन्टरव्यू के बाद इस्राईल के दावों की पोल खुल गयी।
इस्राईली सेना के वरिष्ठ अधिकारी जनरल बीतून कहा है कि इस्राईली सेना, सीरिया और लेबनान में अलग- अलग मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार हो रही है और युद्ध की आग किसी भी क्षण भड़क सकती है।
इस्राईली सेना में रिज़र्व फोर्स के कमांडर, जनरल यत्सहाक़ ब्रीक ने चेतावनी दी है कि इस्राईली सेना अगले युद्ध के लिए तैयार नहीं है और उसकी तैयारी सन 1973 के युद्ध से भी बुरी है जब कि आने वाले युद्ध के सामने सन 1973 का युद्ध खिलवाड़ लगेगा।
ब्रीक ने इस्राईली सेना की कमज़ोरी पर एक खुफिया रिपोर्ट तैयार की थी जिसके बाद इस्राईल में हड़कंप मच गया था कि और जांच समिति गठन की गयी थी।
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि इस्राईल का सब से बड़ा दुश्मन, हिज़्बुल्लाह संगठन है जिसके बाद ईरानी हथियारों का इतना बड़ा भंडार है जो कई देशों के हथियारों के भंडारों से भी बड़ा है यही नहीं हिज़्बुल्लाह के हथियार भंडार, नेटो के सदस्य कुछ देशों से भी बड़ा है।
इस्राईल के सुरक्षा मंत्री लेबरमैन का कहना है कि सीरिया में सात वर्षों के युद्ध के दौरान, हिज़्बुल्लाह को बेहद क़ीमत अनुभव प्राप्त हुआ है और अब वह हर प्रकार के युद्ध में दक्ष हो गया है क्योंकि उसने रूसी सैनिकों के साथ मिल कर युद्ध किया है।
हिज़्बुल्लाह ज़मीनी युद्ध में बेहद दक्षा व संगठित
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस्राईल के लिए सब से बड़ी चिंता की बात यह है कि इस्राईली सैनिक ज़मीन पर होने वाली लड़ाई में हिज़्बुल्लाह के सामने जल्द जीत हासिल नहीं कर सकते और इस प्रकार का युद्ध बेहद भयानक होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्राईली सेना, हिज़्बुल्लाह और हमास के साथ ज़मीनी युद्ध से बचने के लिए सब कुछ करने पर तैयार है क्योंकि इस्राईली सेना को गोरिल्ला युद्ध का बहुत बुरा अनुभव है और सन 2006 में इस प्रकार के युद्ध में वह काफी नुक़सान उठा चुकी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्राईली सैन्य अफसरों को यह चिंता खाए जा रही है कि हिज़्बुल्लाह के सदस्य युद्ध में उनके सैनिकों से भी ज़्यादा दक्ष हो गये हैं लेकिन उससे अधिक चिंता की बात यह है कि वह ज़मीनी युद्ध में हिज़्बुल्लाह के सामने बेहद कमज़ोर हैं और उन्हें भारी नुक़सान उठाना पड़ेगा।
इस्राईली समाचार पत्र हारित्ज़ में सैन्य मामलों के टीकाकार, आमूस हारईल ने लिखा है कि इस्राईल की थल सेना के पास हथियारों की भी समस्या है। इस्राईली थल सेना के हथियारों की क्षमता सन 2014 में गज़्ज़ा पट्टी पर हमले के समय स्पष्ट हो गयी थी हालांकि यह हमला सन 2006 में हिज़्बुल्लाह के सामने बुरी तरह से विफलता के बाद सेना के हथियारों में व्यापक रूप से सुधार के बाद किया गया था और रिज़र्व फोर्स को नये हथियार दिये गये थे।( साभार , रायुलयौम)