दुधवा में आपसी संघर्ष में नर गैंडे की मौत, हुआ पोस्टमार्टम
फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी. जहां एक ओर वन्यजीव प्रमियों में खुशी का महौल था कि उनके दुधवा टाइगर रिजर्व राइनों गैडा की सुरक्षा के लिये वन विभाग ने खाश इतेजामात किये है जिससे की गेडों की संख्या बढ़ सके ।लेकिन वन्य जीव प्रेमियों में उस समय बड़ी मायूसी हुई जब एक नर गैडें का शव जंगल में पड़ा हुआ मिला जिसकी जानकारी मिलते ही वन विभाग में हड़कम्प मच गया आनन फानन में वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की तो वन विभाग के अधिकारी यही आशंका जता रहे थे कि दूसरे गैडे से टकराव के चलते उसकी मौत हुई है ।
दरअसल ताजा मामला लखीमपुर खीरी के तराई क्षेत्र में फैले दुधवा टाइगर रिजर्व का है जहां पर दुधवा टाइगर रिजर्व में संचालित गैंडा पुनर्वास परियोजना फेज वन में दो गैंडो के बीच हुए आपसी संघर्ष में एक नर गैंडे की मौत हो गई। जिसके बाद शनिवार को गैंडे के शव का पोस्टमार्टम किया गया। डॉक्टरों के पैनल ने पीएम किया। शुक्रवार की देर शाम को साउथ सोनारीपुर रेंज के ककरहा एरिया में हाथियों के साथ गए महावतओं ने गैंडे का शव देखा तो वापस आकर इसकी सूचना रेंज अधिकारी को दी। जिसके बाद दुधवा पार्क प्रशासन को अवगत कराया गया।
डिप्टी डायरेक्टर महावीर कौजलगि ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मरने वाले गैंडे का नाम भीम है जिसकी आयु करीब 15 वर्ष थी। उसकी मौत ककरहा एरिया में ही दूसरे गेंडे से हुए संघर्ष में लगी चोटों की वजह से हुई है। शनिवार को तीन डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया। जिसमे भी गैंडे की मौत चोटों से होना बताया गया है। पीएम जिस जगह पर शव मिला था वहीँ किया गया है। गैंडे की मौत से अब गैंडो की संख्या कम हो गयी है। वही वन्यजीव प्रेमियों में भी मायूसी देखी गयी है।