तारिक आज़मी की मोरबतियाँ – यूपी बोर्ड का इम्तेहान था सुबह, रात को ही लिखी कापियों को बरामद किया पुलिस ने
तारिक आज़मी/ आसिफ रिज़वी
मऊ। प्रदेश सरकार भले जितने भी दावे करे नक़ल विहीन परीक्षा करवाने की मगर उसके दावो की हवा नक़ल माफिया निकाल दे रहे है। पहले कैमरा लगवाया तो बोल कर कापिया लिखी जाने लगी। फिर माइक भी लगवा दिया तो नक़ल माफियाओं ने इसकी काट निकाल लिया और अलग कमरे में कापिया लिखी जाने लगे। इस बार तो नक़ल माफियाओं ने पूरा अपना साम्राज्य फैला लिया है और कापिया परिक्षा होने के एक रात पहले ही लिख दिया जा रहा है।
मऊ जनपद के थाना सरायलखनसी क्षेत्र के परीक्षा केंद्र रामधनी शिक्षण संस्थान इंटर कालेज की कापियों को एसटीऍफ़ ने बीती रात एक घर से छापा मार कर पकड़ा है। इस छ्पेमारी में नौ लिखी हुई कापियो सहित पांच सादी कापिया बरामद हुई है। घर में मौजूद एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। लिखी गई कापिया सामाजिक विज्ञान विषय की है। जिसकी आज परीक्षा होनी थी। इस मामले के खुलासे के बाद आज शिक्षा विभाग में हडकंप मच गया। कापियों का मिलान सुबह परीक्षा पत्रों से किया गया तो सूत्र बताते है कि सभी प्रश्न वही थे जो परिक्षा पत्र में आये थे। इसका तात्पर्य ये होता है कि रात को ही पर्चा लीक करके मोटी सुविधा शुल्क वालो की कापिया रात को ही लिख दिया जाता था और सुबह परीक्षा के समय वही कापिया छात्रो को दे दिया जाता था।
जानकारी होने पर मची शिक्षा विभाग की हडकंप में आज जिला विद्यालय निरीक्षक मऊ द्वारा आज केंद्र पर जाकर परीक्षा के पेपरों से कापियों का मिलान किया गया। सूत्र बताते है कि कापियों में उन्हों प्रश्नों के उत्तर थे जो परीक्षा में आये थे। इसके बाद केंद्र व्यवस्थापक पर मुक़दमे के अतिरिक्त परीक्षा केंद्र को डिबार करने की कार्यवाही प्रचलित किया जा रहा है। साथ ही जानकारी प्राप्त हुई है कि केंद्र के स्टेटिक मजेस्ट्रेट और अतिरिक्त केंद्र व्यस्थापक के ऊपर भी कार्यवाही हो रही है।
शायद लगता है कि जिला विद्यालय निरीक्षक किसी को बक्शने के मूड में नही है। मगर सवाल उठता है कि परीक्षा का पेपर परीक्षा के पहले ही लीक हुआ तभी तो कापियों को रात ही लिख दिया जा रहा था। इस प्रकरण में जिला विद्यालय निरीक्षक खुद की कितनी नैतिक ज़िम्मेदारी ले रहे है। आखिर उनकी भी नैतिक ज़िम्मेदारी तो बनती है। हम साथ ही ये भी बताते चले महोदय की मऊ जनपद के लगभग रूलर के हर केंद्र पर नक़ल जमकर होने के समाचार हमारे पास लगातार प्राप्त हो रहे है। आपने तो आदेशित कर दिया कि मीडिया परीक्षा केंद्र पर नही जाएगा। आपको शायद याद होगा महोदय कि हमने स्वयं आपसे परीक्षा केंद्र पर जाने की अनुमति के सम्बन्ध में बात किया था तो आपका उत्तर था कि परीक्षा में एक लाइन नक़ल नही होगी। मीडिया केंद्र पर जाकर क्या करेगा ? साहब जवाब तो हम तब भी आपको दे सकते थे, मगर अब देने का मतलब कुछ और भी है। कम से कम केंद्र पर मीडिया के खौफ से ऐसे नक़ल नही होती। अब तो खुल्लम खुल्ला नक़ल हो रही है और हमारे सूत्र तो यहाँ तक बताते है कि वर्षो से आपके कार्यालय में जमे एक लिपिक की इसमें महती भूमिका है जो शिकायतों को आपके टेबल तक पहुचने ही नही देते है।
जिला विद्यालय निरीक्षक अपने कार्यालय में सालो से जमे ऐसे लिपिक पर कब कार्यवाही करेगे ये भी देखने का विषय होगा। एक केंद्र पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कार्यवाही हो रही है। पुलिस शांति व्यवस्था देखे। उसके बाद वीआईपी व्यवस्था देखे। अब परीक्षा भी आपकी आशा के अनुसार पुलिस करवाए, क्योकि अगर एसटीऍफ़ ने अपनी तेज़ दृष्टि इस प्रकरण में नहीं रखी होती तो ये गोरखधंधा आप कभी पकड़ नही पाते ये बात आप भी जान रहे है और जनता भी जान रही है। माननीय अधिकारी महोदय, सूत्रों की माने तो कई विद्यालय रूलर के ऐसे है आपके जिले में जहा पर्ची सुविधा शुल्क की चल रही है। क्या आपके संज्ञान में ये मामला नही है। आपके क्षेत्र में तो ऐसे भी विद्यालय है जो वास्तव में मौके पर है ही नही मगर आपके करीबी एक लिपिक ने सभी शिकायतों को दरकिनार करके उसके सेंटर उपब्ध करवा दिया है। कही न कही से जिला विद्यालय निरीक्षक महोदय आप अगर ईमानदारी की बात करे तो इस नक़ल हेतु आपका कार्यालय भी उत्तरदाई है, सही मायने में कार्यवाही तो आपके कार्यालय में बैठे लोगो पर भी होनी चाहिये। आप खुद बताये जिला विद्यालय निरीक्षक महोदय तनख्वाह आपके शिक्षा विभाग को भी सरकार देती है और पुलिस को भी देती है। अगर पुलिस की टीम इतनी चुस्त दुरुस्त नही होती तो क्या आपके लोग इस नक़ल को पकड़ पाते। चलिए साहब हम आपको बताते है कि हमारे सूत्र कहते है कि मधुबन तहसील क्षेत्र के रोपनपुर ग्राम के एक सेंटर पर भी पची चली है। तीन हज़ार की पर्ची थी। पर्ची पूरी होने के बाद सुविधा उपलब्ध है। अब आप खुद बताये जाकर देखे आपके अधिकतर रूलर सेंटर की क्या हाल है। बिना मानक के सेंटर बना दिया गया है। छक कर नक़ल हो रही है। शिकायतों को आपके टेबल तक पहुचने नही दिया जाता है। अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक महोदयो की भी भूमिका संदिग्ध है। कैसे नक़ल रोक लेंगे आप।
जिला विद्यालय निरीक्षक महोदय हम आपके कार्यशैली अथवा ईमानदारी पर कोई सवाल नही खड़ा कर रहे है, मगर इस बात को भी मान ले कि आपके यहाँ कार्यालय में कई ऐसे लोगो की चहलकदमी है जो शिक्षा जगत के नक़ल माफिया है। हमको मालूम है कि आप हमारी बात को नही मानेगे और आँख बंद करके अपने अधिनस्थो पर भरोसा करेगे। करते रहिये और नक़ल के ज़रिये लोगो को अमीर होने दीजिये। हमने क्या क्रांति का ठेका ले रखा है। मगर साहब एक बात ध्यान दीजियेगा जो बच्चा ईमानदारी से पुरे सत्र पढाई करता है और परीक्षा में उसके यहाँ का कोई ऐसा छात्र उससे अधिक नम्बरों से पास होता है जो नक़ल करके पास हुआ है तो उस छात्र का मनोबल गिर जाता है। अगर ऐसे ही परीक्षा करवाना है तो फिर परीक्षा का क्या मतलब, सीधे सीधे फार्म भरवा कर सबको पास होने का प्रमाणपत्र दे दीजिये। हम आपसे बिलकुल नही कहेगे कि इस प्रकरण में आप खुद की ज़िम्मेदारी तय करे, मगर हुजुर दिल की आवाज़ एक बार सुन ले। मान ले हुजुर आपके कार्यालय के लोगो की भूमिका भी संदिग्ध है प्रकरण में। एक जगह इस प्रकार का गोरखधंधा पकड़ा गया है न जाने आपके जिले में और कितने ऐसे गोरखधंधे करने वाले है जो परीक्षा के पहले ही कापियों को लिखवा देते होंगे। दिल की आवाज़ सुने साहब, पुलिस केंद्र के बाहर रहे, मीडिया केंद्र के बाहर रहे और केंद्र में क्या केवल नक़ल करवाने वाले ऐसे लोग रहे जो रात को ही कापिया लिखवा दे रहे है। सोचे हुजुर सोचे। आभार प्रकट करे उन पुलिस वालो का जो एक तनख्वाह में आपका भी काम कर गये और आपकी जिम्मेदारियों को भी वह खुद पूरा कर गये।