पाकिस्तान के अन्नदाता आज आयेगे भारत, होगी प्रधानमंत्री मोदी से वार्ता
अनिला आज़मी
नई दिल्ली: इनको पाकिस्तान का अन्ना दाता कहा जाए या फिर पाकिस्तानी आतंकियों का अन्नदाता कहे शब्द थोडा समझ में नहीं आ रहा है। जब भारत पुलवामा हमले के दर्द से कराह रहा था तो ये अन्ना दाता बनकर पाकिस्तान जाकर उसको आर्थिक सहायता देते है। अब वही पाकिस्तानी अन्नदाता अपने दो दिन के कार्यक्रम पर आज भारत आ रहे है। इस दौरे के दरमियान सऊदी के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेगे।बताते चले कि सऊदी अरब के शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान मंगलवार से दो दिनों की भारत यात्रा पर आ रहे हैं। उनके इस दौरे के दरमियानभारत, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाएगा। साथ ही दोनों देश रक्षा संबंधों में बढ़ोतरी पर भी चर्चा करेंगे जिसमें संयुक्त नौसेना अभ्यास शामिल है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षिण एशिया के दौरे की शुरुआत में रविवार को इस्लामाबाद पहुंचे शाहजादे सोमवार को सऊदी अरब लौट गए थे। भारत ने उनके पाकिस्तान से यहां के दौरे पर आने को लेकर आपत्ति जताई थी। शाहजादे के दौरे से पहले सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल जुबैर ने सोमवार को कहा कि पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को रियाद कम कराने का प्रयास करेगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरब कश्मीर और सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के जुमलों को अब और स्वीकार नहीं कर रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा शाहजादे के बीच बुधवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की होने वाली वार्ता में भारत पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगा।
विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव टीएस त्रिमूर्ति ने बताया कि सऊदी नेता के दौरे में दोनों पक्षों के बीच निवेश, पर्यटन, आवास और सूचना तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में पांच समझौतों पर दस्तखत होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि इस दौरे से भारत-सऊदी द्विपक्षीय संबंधों में नये अध्याय की शुरुआत होगी। सीमा पार आतंकवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, सऊदी अरब ने पुलवामा में 14 फरवरी को सुरक्षा बलों पर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। हम सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक मामलों में उनके सहयोग की सराहना करते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरब, भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को जिस तरीके से देखता था उसमें बदलाव आया है और शक्तिशाली खाड़ी देश सीमा पार आतंकवाद को बेहतर समझता है।
बताते चले कि कुछ राजनितिक दल और कार्यकर्ता इस कार्यक्रम का विरोध भी कर रहे है। सोशल मीडिया पर सऊदी के इस शहजादे के भारत दौरे के मुखालफत में चर्चाये भी हो रही है। वही दूसरी तरफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सबकी निगाह इस मुलाकात पर टिकी है और सऊदी इस मामले में क्या स्टैंड लता है उसके ऊपर भी निगाहें लगी है।