सियासी दंगल : गठबंधन की सीट को लेकर दावेदारों मे खींचतान! पूर्व एमएलसी के नाम पर विचार
रॉबिन कपूर
फर्रूखाबाद: लोकसभा चुनाव में बसपा सपा के गठबंधन के बाद फर्रुखाबाद सीट बसपा के खाते में आने की अटकलों के साथ साथ अब प्रत्याशी के नाम की घोषणा पर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे है। टिकेट की दावेदारी के सभी दावेदार अपनी जोड़ जुगत और खीचतान मे जुटे हुए है। फिलहाल गठबंधन के मुख्य दावेदार और मजबूत प्रत्याशी के रूप मे पूर्व बसपा एमएलसी मनोज अग्रवाल नाम सुर्खियों मे है। अगर बसपा और सपा हाईकमान मनोज पर अपना विश्वास जताते है तो ख़ासकर भाजपा व कांग्रेस की राह कठिन हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार सपा-बसपा मुखिया के बीच बातचीत में फर्रूखाबाद सीट का फैसला बसपा के पाले मे देने का हुआ है । वही लोगों ने बसपा से चुनाव लड़ने के लिये राजनैतिक उथल पुथल भी शुरू कर दी है। सपा-बसपा के गठबंधन के बाद फर्रूखाबाद लोकसभा सीट पर सभी की निगाहें जोरो से लगी हुई है। पिछले लोकसभा चुनाव में सपा की आपसी गुटबंधी की वजह से फर्रूखाबाद मे सपा के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी मे अंदरूनी गुटबाज़ी को देखते हुए ही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने फर्रुखाबाद सीट को बसपा के खाते मे देने का फिलहाल मन बना लिया है।
जिले मे गर्म चर्चाओं के बाजार में पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल का नाम खूब जोरो पर है । फर्रुखाबाद नगर पालिका परिषद की चेयरमैन के पद पर मनोज अग्रवाल का दबदबा आज भी कायम है । उनकी पत्नी वत्सला अग्रवाल का अध्यक्ष पद पर लगातार दूसरी बार कब्जा रहा है। वही पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल 2006 मे अपना पहला नगर पालिका का चुनाव शानदार वोटो से जीते थे। अग्रवाल की सियासी योग्यता और उनकी साफ सुथरी छवि को बसपा सुप्रीमो मायावती व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव दोनों ही वरीयता दे रहे हैं। जिससे अन्य दावेदारों में फर्रूखाबाद लोकसभा सीट गठबंधन में पूर्व बसपा एमएलसी मनोज अग्रवाल की टिकट की दावेदारी ज़्यादा मजबूत मानी जा रही है। यदि बसपा सपा गठबंधन का फर्रुखाबाद सीट से चहरा मनोज अग्रवाल बनते है, तो भजपा और कॉंग्रेस प्रत्याशी की चुनावी फिजा जरूर बिगड़ सकती है।