जवानों की शहादत बेकार नहीं गई, 350 आंतकियों की खेप पाकिस्तान को भेजी है: राजू
प्रत्युष मिश्रा
बांदा। स्वच्छता अभियान को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा चयनित नवरत्नों में से एक हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव ने मंगलवार को अशोक स्तंभ तले आयोजित सेना को समर्पित स्वच्छता संकल्प कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सीआरपीफ जवानों की शहादत किसी भी दशा में बेकार नहीं गई। हमारी इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान को उसकी की भाषा में जवाब देते हुए तीन सौ आतंकियों की खेप भेज दी है।
उन्होंने कहा कि जो देश की ओर निगाह टेढ़ी करेगा, उसका यही हश्र होगा। पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव ने कहा कि पुलवामा हमले में शहीद हुए हमारे सीआरपीएफ जवानों की शहादत बेकार नहीं गई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उनके तीन सौ नुमाइंदों की खेप इंडियन एयरफोर्स ने उन्हें बदले के रूप में दी है। मंच से राजू श्रीवासतव ने चित्रकूट से अपहरण करने के बाद दो जुड़वा भाइयों की हत्या पर गहरा दुख जाहिर करते हुए कहा कि वह वहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम तो हंसने-हंसाने का तय हुआ था, लेकिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और दो जुड़वा भाइयों की निर्मम तरीके से हत्या कर दिए जाने के बाद वह बहुत दुखी हैं।
उन्होंने कहा कि वह चित्रकूट जुड़वा भाइयों के परिजनों से मुलाकात करने जा रहे हैं। अपनी वाणी को विराम देने से पूर्व उन्होंन देश प्रेम से संबंधित एक गीत गाया जिसके बोल हैं-मेरे देश प्रेमियो आपस में प्रेम करो देश पे्रमियो। इसके बाद देरी से पहुंचे भाजपा जिलाध्यक्ष लवलेश सिंह ने मंच पर ही राजू श्रीवास्तव का माल्यार्पण और अभिनंदन किया। राजू श्रीवास्तव ने मंच में मौजूद रहे हिन्दी राजभाषा सलाहकार समिति के सदस्य और भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश अवस्थी का साथ देने की बात भी कही।
इसके पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कवियित्री कविता तिवारी ने कहा कि वह यहां के लोगों को जगाने के लिए आई हैं। उन्होंने खुले तौर पर मंचे आवाहन करते हुए कहा कि साथ उसका दिया जाए जो देश के साथ खड़ा हो। यही ईमानदार भारतीय होने का कर्तव्य होगा। कहा कि देश प्रेम के आगे कितने भी रोड़े आएं, लोगों के घरों तक आवाज पहुंच ही जाएगी। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘न भाषण से हैं उम्मीदें, न दावों पर भरोसा है, शहीदों की बदौलत मेरा हिन्दुस्तान जिन्दा है’। इन शब्दों के बाद उन्होंने चार पंक्तियां भी पढ़ीं।