पीएम मोदी ने किया राष्ट्र के नाम संबोधन, कहा मिशन शक्ति रहा सफल, अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत बना दुनिया का चौथा अंतरिक्ष महाशक्ति
आफताब फारुकी
नई दिल्ली. देश के नाम संबोधन में आज प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत अमेरिका रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है। उन्होंने देश को संबोधित करते हुवे कहा कि भारत ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी का परचम लहराया है और मिशन शक्ति की सफलता के साथ अमेरिका, चीन, रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में इस बात की जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान कहा कि भारत अंतरिक्ष पावर के रूप में दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है। भारत ने आज अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में दर्ज करा दिया है और खास बात यह रही कि भारत ने किसी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन भी नहीं किया है।
लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने आज एक अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की है। भारत में आज अपना नाम ‘स्पेस पावर’ के रूप में दर्ज करा दिया है। अब तक रूस, अमेरिका और चीन को ये दर्जा प्राप्त था, अब भारत को भी यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए गर्व की बात है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज 27 मार्च को भारत ने एक बडी उपलब्धि हासिल किया है। भारत ने अपना नाम अंतरिक्ष पावर के रूप में अपना नाम दर्ज करा लिया है। दुनिया के तीन देश अमेरिका, चीन रूस को पहले से यह उपलब्धि हासिल थी, मगर आज भारत आज चौथा देश बन गया। हर हिंदुस्तानी के लिए इससे बड़ा गर्व का पल नहीं हो सकता। कुछ समय पहले हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में तीन सौ किलोमीटर एलओ सैटेलाइट को मार गिराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर भारतीय के लिए इससे बड़े गर्व का पल नहीं हो सकता। कुछ ही समय पहले हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर एलईओ में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है। यह सैटेलाइट जो कि एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, एसेट मिसाइल द्वारा मार गिराया गया। ‘मिशन शक्ति’ को तीन मिनट में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। यह अत्यंत कठिन ऑपरेशन था। इसमें उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक की जरूरत थी। सभी निर्धारित उद्देश्य प्राप्त कर लिए गए। यह भारत में एंटी सैटेलाइट (ए-सेट) मिसाइल द्वारा सिद्ध किया गया।