लोकसभा चुनाव विशेष- संसद पहुँचने की उम्मीद में गाँवों की धूल फांक रहे प्रत्याशी
दीपक बाजपेई महोबा (बुन्देलखंड
पाँच वर्ष तक अदृश्य रहने वाले वर्तमान सांसद व भाजपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र चंदेल जनता के सामने कर रहे प्रायश्चित
सूबे के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कभी जनता का फोन रिसीव न करने वाले सांसद जी के पक्ष में फोन से ही रैली को किया संबोधित
चुनाव जीतने के लिए धनबल का प्रयोग कर रहे सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी दिलीप कुमार सिंह
जनसम्पर्क व प्रचार के दौरान दिख रही कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह की हताशा
लोकतंत्र के महापर्व को लेकर आम जनता में जहाँ खासा उत्साह देखने को मिल रहा है वहीं प्रत्याशी भी संसद पहुंचने की चाह में दिन-रात एक कर रहे हैं , और लोक लुभावने वादों से जनता को बरगलाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं |
लेकिन जनता इन अवसरवादी नेताओं से भलीभांति परिचित हो चुकी है , शायद यही वजह है कि हवा प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के पक्ष में न के बराबर दिख रही है , क्योंकि आजादी से लेकर आज तक नेताओं व राजनैतिक दलों ने बुंदेलों के साथ हमेशा छल ही किया है, खादीधारियों की उपेक्षा व अनदेखी का ही नतीजा है कि बुंदेलखंड आज भी बदहाल और पिछड़ा हुआ है |
वर्तमान सांसद व भाजपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र चंदेल को जहां पाँच साल तक जनता से दूर रहने और फोन रिसीव न करने का मलाल है तो वहीं गठबंधन के प्रत्याशी दिलीप कुमार सिंह मायावती व अखिलेश यादव के वोटबैंक व धनबल के दम पर पहली बार संसद पहुंचने का सपना देख रहे हैं , इसके अलावा बरसाती मेंढक की तर्ज पर सिर्फ चुनाव के समय नजर आने वाले काँग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह के प्रचार व जनसम्पर्क को देखकर तो यही लग रहा है कि वह वोटिंग से पहले ही ह
हार मान चुके हैं |
हमीरपुर महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट की जनता किसे संसद पहुंचाएगी ये तो 23 मई के नतीजे ही बताएंगे लेकिन इतना तो तय है कि यहाँ की जनता प्रमुख दलों व उनके प्रत्याशियों से खासी नाराज दिख रही है |
यही वजह है कि चुनावी माहौल देखकर लग रहा है कि जनता 29 अप्रैल को इन दिग्गजों को धूल चटाकर कोई नया इतिहास रचने का मन बना चुकी है |