भाजपा समर्थक इस सिख युवक ने छोड़ दिया था पार्टी के लिये अपनी नौकरी, मगर काली पगड़ी पहन कर जा न सका अमित शाह के रैली में

नौशाद अंसारी.

बिजनोर. नगर नूरपुर के जाना पहचाना नाम सरदार जसविन्द्र सिंह ने भाजापा के लिए छोड़ी थी अपनी लाखों की नोकरी धामपुर मे आयोजित भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की एक जनसभा मे पुलिस कर्मियों काली पगड़ी पहन कार आए सरदार जसवैन्द्र सिंह को जनसभा मे ने जाने से रोका हंगामा खड़ा हो गया. काली पगड़ी पहन कर कर जाना सरदार जसवैन्द्र सिंह को उस समय महंगा पड़ गया जब अमित शाह की एक जनसभा मे जाने से पुलिस कर्मियों ने रोक दिया

नगर नूरपुर का जाना पहचाना नाम सरदर जसवैन्द्र सिंह बीटैक पास है. उस सिख युवक ने भाजपा पार्टी के लिए अपनी लाखों की नोकरी छोड़कर आपना जीवन भाजपा के लिए समर्पित कर दिया रविवार को धामपुर मे आयोजित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जनसभा मे उसे अंदर जाने से ही रोक दिया. वजह साफ थी कि सरदार जसवेन्द्र सिंह ने सिर पर काली पगड़ी बांध रखी थी, ओर पुलिस कर्मियों द्वारा उक्त युवक को जनसभा मे जाने रोका गया. वहाँ मोजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी यह जहमत नही की के सरदार जसवैन्द्र सिंह को जानते हुए भी जनसभा मे जाने की अनुमति नहीं दी.

नगर नूरपुर क्षेत्र के ग्राम राहू नंगली निवासी सरदार जसवैन्द्र सिंह बीटैक करने के बाद प्राइवेट नोकरी शुरू की मगर भारतीय जनता पार्टी से प्राभावित होकर उसने अपनी नोकरी छोड़ दी. भाजपा के ग्रामीण मण्डल के कोषाध्यक्ष के पद के दायित्व संभाला ओर मुरादाबाद क्षेत्र के कांठ प्रकरण में 86 दिन जेल मे भी रहे. सरदार जसवैन्द्र सिंह ने आरोप लगाया है कि रविवार को आयोजित भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जनसभा मे शामिल होने के लिए वह कै एम इंटर कॉलेज के मैदान अपने एक दर्जन साथियों के पहुँचे थे. मगर वहाँ मौजूद पुलिस कर्मियों द्वारा उन्हें जनसभा स्थल के जाने से गेट पर ही रोक दिया. बताते चले की उन्होंने सिर पर काली पगड़ी बांध रखी थी, जिस से उनका तमाम अपमान हुआ

इसके अलावा जिस भी कार्यकर्ताओं ने काले कपड़े पहन रखे थे उसको भी जनसभा मे जाने रोका गया. सरदार जसवैन्द्र सिंह के साथ इस तरह के व्वहार का कारण अन्य सिख समाज के लोगों मे भी रोष फैल गया है. अब सिख समाज के लोगों ने इस प्रकरण से संबंधित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कर रहे है.  मालूम हो कि सिख समाज की पगड़ी उनकी सम्मान होता है. इस प्रकार से पगड़ी के रंग को लेकर किए गए रवैये से सिख समाज मे नाराजगी व काफी गुस्सा व रोष प्रकट किया जा रहा है. सिख समाज के लोग इस प्रकरण के लिए भाजपा पदाधिकारियों को भी जिम्मेदार मान रहे है.

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