गिरिराज सिंह की मांग, चुनाव आयोग प्रतिबंधित करे हरे झण्डे, आती है पाकिस्तान में इस्तेमाल होने की धारणा
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: पहले मोदी की जनसभा में जा जाने वालो को पकिस्तान जाने की नसीहत देने वाले कट्टर हिन्दू की छवि बनाने में मशगुल गिरिराज सिंह को अब हरे रंग से भी नफरत होने लगी है। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से बीजेपी प्रत्याशी गिरिराज सिंह ने चुनाव में हरे झंडों पर प्रतिबंध लगाने की चुनाव आयोग से गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि इस रंग के झंडों को अक्सर मुस्लिमों से जुड़े राजनीतिक एवं धार्मिक निकायों से जोड़ कर देखा जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये घृणा फैलाते हैं और पाकिस्तान में इस्तेमाल होने की धारणा बनाते हैं।
हिंदुत्व को लेकर अपने कट्टर विचारों के लिए जाने जाने वाले सिंह ने कहा कि बेगुसराय संसदीय क्षेत्र से उनकी जंग उस ‘गिरोह’ के खिलाफ है जो भारत के ‘टुकड़े’ करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद एवं विकास के एजेंडा का प्रतिनिधित्व करते हैं।भगवा पार्टी के नेता ने साक्षात्कार में कहा कि भाजपा नीत राजग, बिहार में 2014 में जीती गई 31 सीटों के आंकड़ों को सुधारेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं प्रत्येक सीट पर गठबंधन के उम्मीदवार हैं तथा इसके सभी प्रत्याशी “उनके ही प्रतीक” हैं।
बताते चले कि जेएनयु के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने बेगुसराय सीट परचा दाखिल किया है और गिरिराज सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में है। गिरिराज सिंह कभी माले के गढ़ रहे इस इस सीट पर चुनाव नही लड़ना चाहते थे। मगर पार्टी ने उनको बेगुसराय से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया, इससे नाराज़ रहे गिरिराज ने सर्ज्वाजनिक रूप से इस मामले की निंदा किया था, मगर उसके बाद अमित शाह ने खुद उनको समझा कर चुनाव लड़ने को तैयार कर लिया। वैसे बताते चले कि ये सीट पर जीत हार गिरिराज का राजनितिक भविष्य सियाह अँधेरे की भेट चढ़ सकता है। वही कन्हैया कुमार अगर चुनाव हारते है तो भी उनकी राजनीती अपने शबाब पर पहुच जायेगा।