खीरी – डाकघर कर्मियों की कार्यशैली, जनता त्रस्त, कर्मचारी मस्त
फारुख हुसैन
मोहम्मदी-खीरी-भारत संचार निगम की भाति भारतीय डाक विभाग के अधिकारियो एवं कर्मचारियो की तानासाही एवं जन कार्य न कर हिटलरी रूप धारण कर डाक घर आने वाली जनता के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है।हफ्तो से डाकघर का रेलवे रिर्जवेषन काऊन्टर बन्द है।तो आधार कार्ड न बनाए जा रहे तथा न त्रुटियो को दुरूस्त किया जा रहा है।जिसके लिये आने वाली जनता से कर्मचारियो का संतोश जनक उत्तर न देकर अपमानित किये जाने वाले जवाब देने से दिन भर विवाद ही होता रहता है।
डाकघर कर्मियो का अव्यवहार कार्यषैली से जनता खासी त्रस्त है।नगर के एक समाजसेवी व वरिश्ठ पत्रकार ने बरेली पीएमजी, लखनऊ सीपीएमजी एवं विभाग के मंत्रालय शिकायती पत्र भेजकर डाकघर के बाबुओ को ग्राहको के साथ अच्छा व्यवहार करने की ट्रेनिंग दिलवाने तथा हफ्तो से बन्द पड़े रेलवे रिर्जवेषन एवं आधार कार्ड बनाने का कार्य तुरन्त षुरू कराने की मांग की है।बीते पांच वर्शो में भारत संचार निगम बन्दी की कगार पर पहुंच गया।करोड़ो ग्राहक बीएसएनएल छोड़कर सरकार के चहते अम्बानी ग्रुप के ग्राहक बनने को मजबूर हो गए।
यही स्थिति भारतीय डाक-तार विभाग यानि पोस्ट आफिसो की है।केन्द्र सरकार ने आधार कार्ड की उपयोगिता बढ़ाकर जिन्दा रहने के लिये जरूरी बना दिया साथ ही निजी संस्थाओ से आधार कार्ड बनाने की दी गयी अनुमति निरस्त कर डाकघरो को आधार कार्ड बनाने व त्रुटियो को दूर करने का फरमान जारी कर दिया।पूरा 2018 बीत गया मोहम्मदी डाकघर में आधार कार्ड नहीं बने,मशीन आई तो कर्मचारी नहीं जब कर्मचारी आया जो किसी तानाषाह से कम नहीं। परिणाम स्वरूप जनता आधार कार्ड के लिये नगर से एक किमी दूर बरबर रोड पर स्थित डाकघर को दौड़ती रहती और बाबू जी जनता को अपमानित कर भगा देते कभी मषीन खराब तो कभी अभी दूसरा काम कर रहे है टाईम नहीं कह कर टरका देते।
इस पर जनता से रोज ही विवाद होता।पिछले एक सप्ताह से ग्राम खिरिया निवासिनी तथा जेपी इण्टर कालेज में कक्षा आठ की छात्रा रीना गौतम अपनी जन्मतिथि दुरूस्त कराने के लिये डाकघर दौड़ रही है।लेकिन बाबू जी रोज उसे वापस कर देते। आधार कार्ड के लिये जुटने वाली भीड़ जब ज्यादा आक्रोषित होती तो ‘‘मषीन खराब है’’ का बहाना कर दिया जाता।जनता की समस्या को डाकघर का कोई भी अधिकारी कर्मचारी न सुनने को तैयार न समस्या का समाधान करने को तैयार है।यही स्थिति डाकघर के रेलवे रिर्जवेषन काऊन्टर की है।पिछले लगभग दो माह से यहां मषीन खराब होने का बहाना बनाकर रेलवे टिकट रिर्जवेषन का कार्य बन्द है।इस काऊन्टर पर अत्यन्त बीमार एवं रोग से विकंलाग हुए सेवा निवृती की कगार पर पहुंच रहे एक लिपिक की तैनाती है।जो कार्यकर नहीं पर रहे।परिणाम स्वरूप रेलवे टिकटो की बिक्री बन्द है।
पोस्टमास्टर इन बन्द पड़े दोनो काऊन्टरो को नियमित चालू करा पाने के बजाए उल्टे जनता से लड़ने को जैसे तैयार रहते है। विभाग के अधिकारियो की गलत नीत के कारण डाकघर नगर के बीच से उठकर नगर से बाहर आबादी से एक किमी और सरैया, षुक्लापुर से दो किमी दूर ले जाया गया। इतनी दूर जरूरतमन्द वहां जाता भी है तो उसे अपमानित कर भगा दिया जाता है। इन समस्याओ से स्वयं जूझ रहे नगर के एक वरश्टि पत्रकार एवं समाज सेवी विभागीय मंत्रालय, पीएमजी एवं सीपीएमजी को पत्र भेजकर डाकघर की अव्यवस्थाओ को सुधारे जाने तथा हिटलरी स्वभाव वाले बाबूओ से छुटकारे की मांग करते हुए पत्र लिखा है।