तारिक आज़मी की मोरबतियाँ – साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जी, थोडा सा श्राप प्लीज़ हाफिज सईद, अजहर मसूद और दाऊद इब्राहीम को भी दे दे…..

तारिक आज़मी

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक बार फिर चर्चा में है। इसके पहले उनके नाम की चर्चा आतंकी गतिविधियों के कारण थी। इस बार चर्चा का बिंदु कुछ और है। मालेगाव ब्लास्ट जैसी आतंकी घटना में अभियुक्त साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भाजपा द्वारा हिंदुत्व एजेंडे के तहत भोपाल से दिग्विजय सिंह के विरोध लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने आज एक शहीद अधिकारी को देशद्रोही जैसे शब्दों ने अलंकृत किया है। यही नही उन्होंने कहा कि उनके श्राप से ही उसका सर्वनाश हो गया। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एटीएस प्रमुख शहीद हेमंत करकरे जैसे इमानदार अधिकारी के लिये ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रही थी। आपको बता दें कि हेमंत करकरे मुंबई में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए थे। इसके अलावा जिस केस में साध्वी प्रज्ञा आरोपी थीं, उस मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच इनके पास ही थी। हालांकि, उनकी चार्जशीट पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे।

अपने भाषण में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि हेमंत करकरे ने उन्हें ग़लत तरीक़े से फंसाया है। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि एक अधिकारी ने हेमंत करकरे से उन्हें छोड़ने का कहा था लेकिन करकरे ने कहा था कि वो कुछ भी करेंगे, सबूत लाएंगे लेकिन साध्वी को नहीं छोड़ेंगे। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि हेमंत करकरे का ये क़दम देशद्रोह था, धर्मविरुद्ध था। साध्वी ने कहा कि ये उसकी कुटिलता थी, ये देशद्रोह था, धर्मविरुद्ध था, वो मुझसे पूछता था कि क्या मुझे सच के लिए भगवान के पास जाना होगा, तो मैंने कहा था कि आपको जरूरत है तो जाइए। सभा में साध्वी ने कहाकि मैंने उसे कहा था तेरा सर्वनाश होगा, उसने मुझे गालियां दी थीं। जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ।

वैसे इस भाषण के बाद इसका संज्ञान चुनाव आयोग ने लिया है। उनकी कार्यवाही की प्रतीक्षा लेख लिखे जाने तक थी। इस भाषण में साध्वी के शब्दों से खुद को घिरता देख भाजपा ने तत्काल किनारा कर लिया है। भाजपा ने कहा है कि ये शब्द साध्वी के निजी शब्द है और पार्टी से इसका कोई लेना देना नही है। भाजपा ने कहा है कि पार्टी हेमंत करकरे को एक शहीद का सम्मान देती है। वही आलोचनाओ के घेरे में घिरी साध्वी ने भी पार्टी का बचाव करते हुवे बयान दिया है कि ये उनकी अपनी व्यक्तिगत सोच है, पार्टी की नही।

इस सबके बीच सबसे सोचनीय विषय ये था कि जिस सभा में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर इस प्रकार के शब्दों का एक शहीद के लिए प्रयोग कर रही थी, उस सभा में बैठे खुद को देश भक्त और शहीदों के नाम पर बड़ी बड़ी बाते करने वाले लोग तालिया बजा रहे थे। ये सिर्फ हमारी मानसिकता को प्रदर्शित करता है। साध्वी के इन शब्दों पर आपत्ति करने वालो की ज़बान उस वक्त खामोश रही और तालिया उन बातो का स्वागत कर रही थी। इसको शर्मनाक स्थिति ही कहा जायेगा कि आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुवे एक वीर और इमानदार अधिकारी को आतंकी घटना में शामिल होने की आरोपी द्वारा देशद्रोही जैसे शब्दों से अलंकृत किया जा रहा था और लोग तालिया बजा रहे थे।

वैसे साध्वी ने अपने भाषण में कहा था कि “मैंने उससे (शहीद हेमंत करकरे) से कहा था कि तेरा सर्वनाश हो जायेगा।” अब बात ये है कि साध्वी जी के अनुसार उनके श्राप के कारण ही हेमंत करकरे की शहादत हुई। अगर ऐसी बात है तो साध्वी जी आप प्लीज़ थोडा सा श्राप हाफिज सईद, अजहर मसूद और दाऊद इब्राहीम को भी दे दे। इन कमबख्तो का भी सर्वनाश हो जाए। वैसे आपको ऐसा ही एक श्राप अंतर्राष्ट्रीय आतंकी ओसामा बिन लादेन को भी दे देना चाहिये था तो कमबख्त जल्दी जहन्नम रसीद हो गया होता। काफी जाने बच जाती। वैसे साध्वी जी जल्दी करे एक बार थोडा सा श्राप हाफिज सईद और पकिस्तान को दे दे। पुलवामा आतंकी घटना के शामिल लोगो को भी थोडा सा श्राप दे दीजिये न साध्वी जी। देश के दुश्मनों को भी थोडा बड़ा वाला श्राप दे दीजिये न साध्वी जी जिससे देश के जितने दुश्मन है वो सब भी जहन्नम रसीद हो जाये। समय मिलते ही साध्वी जी देश में बड़े बड़े घोटाले करने वालो, और देश का पैसा लेकर भागने वालो को भी थोडा सा श्राप दे दे। कम से कम बकिया लोग डरेगे और हिम्मत नही करेगे।

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