इबादतों के रात शब ए-बारात आज, सजीं मस्जिदें व कब्रिस्तान
प्रदीप दुबे विक्की
ज्ञानपुर, भदोही। आज शनिवार को शबे बारात को लेकर जनपद की तमाम मस्जिदोंऔर कब्रिस्तानों को सजाया और संवार दिया गया है । इस दिन इबादत ,तिलावत और सखावत (दान पुण्य) का विशेष महत्व है । आज शनिवार की रात मनाए जाने वाले शबे बारात के दिन पिछले साल किए गए कर्मों का लेखा जोखा और आने वाले समय की तकदीर तय की जाती है। इसके ठीक 15 दिनों बाद से रमजान का महीना शुरू हो जाता है ।
शबे बारात के दिन रात भर लोग इबादत करेंगे और सुबह होने से पूर्व कब्रिस्तानों में जाकर अपने-अपने मरहूम के कब्रों पर दुआ करेंगे ।शब-ए-बरात का मतलब हुआ बरी होने या मुक्ति पाने की रात। इस रात लोग पिछले एक साल में जाने-अनजाने हुए गुनाहों के लिए अल्लाह से माफी मांगते हैं। इस्लामिक कैलेण्डर के हिसाब से शाबान माह की 14 तारीख को शब-ए-बरात मनाई जाती है।
इस रात जो भी सच्चे दिल से अपने गुनाहों की तौबा करता है, उसके सभी गुनाह माफ हो जाते हैं। इसलिए ज्यादातर मुसलमान इस रात इबादत-ए-इलाही में मशगूल रहते हैं। शब-ए-बरात के मौके पर अगले एक साल का बजट तैयार किया जाता है। इस मौके पर मस्जिदों और कब्रिस्तानों में साफ-सफाई करके सजावट की जाती है। लोग रात में किसी वक्त कब्रिस्तान में जाकर वहां दफन पूर्वजों और अपनों के लिए दुआ भी मांगते हैं।