ब्रांडेड शराब में भी होता है मिलावट का खेल
फारुख हुसैन
पलिया में भी खूब हो रही मिलावट
पलिया कलां खीरी पलिया में भी बड़े पैमाने पर ब्रांडेड शराब में मिलावट का धंधा का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। ऐसा नहीं है कि जहरीली शराब का मतलब केवल गांवों मिलने वाली कच्ची शराब ही होती है। अंग्रेजी ब्रांडेड शराब में भी जमकर मिलावट की जाती है, और इससे भी लोग मरते हैं या बीमार होते हैं। डुप्लीकेट अंग्रेजी शराब भी बाजार में बड़ी मात्रा में मौजूद है और ग्रामीण इलाकों या शहरों की सीमा के आस पास की दुकानों पर यही शराब ब्रांडेड शराब के नाम पर खूब बिक रही है। सच तो यह है कि मिलावट का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। दुर्भाग्य से कच्ची शराब तो आसानी से पुलिस और आबकारी विभाग की पकड़ में आ जाती है लेकिन अंग्रेजी ब्रांडेड शराब की दो बोतलों से तीन बोतल शराब बनाने का खेल आसानी से पकड़ में नहीं आता।
पुलिस सूत्रों के अनुसार शराब माफिया दो स्तर पर कार्य कर रहे हैं। एक अंग्रेजी शराब तो दूसरी देशी में मिलावट का खेल। इसमें एक बार इस्तेमाल हो चुकी बोतलें उनके काफी काम आती हैं। कबाड़ी के यहां से ऐसी बोतलें हासिल कर उनमें मिलावटी शराब भर दी जाती है। इस मिलावट में वही इथनाॅल मिलाया जाता है या आक्सीटोसिन जो देसी शराब में मिलाया जाता है। मिलावट करने वाले ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते।
उन्हें पता नहीं होता है कि इस मिलावट के जरा से असंतुलन से सैकड़ों की जिंदगी लील सकती है। राजस्थान और हरियाणा से लाई गई शराब की बोतलों को दो से तीन और चार करने में कई बार इस प्रकार की मिलावट कर उसकी तीव्रता बढ़ाई जाती है। यह शराब चूंकि यूपी और दिल्ली के दामों से सस्ती मिलती है तो लोग इसे जल्दी खरीद लेते हैं, नशा भी यूपी की शराब से अधिक होता है तो कम दामों में मज़ा और मस्ती दो गुनी हो जाती है। लेकिन इस शराब के लगातार सेवन से लीवर डैमेज हो जाता है और आंखें तो निश्चित रूप से कजोर हो जाती हैं।