योगी राज में पुलिस से मिलकर गरीबो को किया जा रहा है बेघर, कोर्ट में वाद दायर होने के बाद भी पुलिस ने लिया पीड़ित को ही हिरासत में

सरताज खान

गाजियाबाद लोनी। भले ही यूपी के मुख्यमंत्री पुलिस व प्रशासन को निष्पक्ष कार्यवाही के कितने भी निर्देश दे ,लेकिन पुलिस अपना रवैया बदलने को तैयार नही है या यूं कहें कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओ के हस्तक्षेप पर पुलिस गलत कार्य करने को मजबूर है। ताजा मामला लोनी थाना क्षेत्र का प्रकाश में आया है। जहां साजिद पुत्र रफीक रिक्शा चलाने का काम करता है। जिसने सन 2011 में अंजली बिहार कॉलोनी में 200 गज का प्लाट लिया था। जिसमे साजिद अपनी पत्नी व बच्चों के साथ मकान बनाकर रह रहा है। आरोप है कि पिछले करीब एक साल से परविंदर व राजपाल नामक व्यक्ति प्लाट को अपना बताकर परेशान करने लगे और अपने आप को सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेता के आदमी होने का दावा करते है। आरोप है कि 5 महीने से उनका वाद कोर्ट में विचाराधीन है। साजिद की पत्नी का आरोप है कि उनका मामला न्यायालय में विचारधीन है फिर भी विपक्षी दोनो लोग घर पर आकर कुछ गुंडे किस्म के लोगो के साथ लगातार डराते धमकाते रहते है।

उन्होंने आरोप लगाया कि बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे डीएलएफ चौकी से दो पुलिस कर्मी व दोनो विपक्षी राजपाल और परविंदर प्राइवेट गाड़ी से आये और उनके पति को जबरन उठा कर ले गये।हालांकि डीएलएफ चौकी प्रभारी विपिन मलिक का कहना है कि साजिद को पूछताछ के लिये बुलाया गया था। जिसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया जाएगा। अब सवाल उठता है कि क्या सत्ताधारी पार्टी के नशे में चूर नेता योगी के निर्देश को भी दरकिनार करते हुए अब गरीब लोगों के प्लाट को गुंडों से ऐसे ही हड़प करवा देंगे और पुलिस भी ऐसे दबंगो का ही साथ देगी। क्या पुलिस व दबंग लोगो को न्यायालय का भी ख़ौफ़ नही है।

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