भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव आयोग ने फिर थमा दिया नोटिस, प्रचार पर प्रतिबन्ध के दौरान प्रचार करने का लगा आरोप
इमरान अख्तर
भोपाल. चुनावी रण में उतरी मालेगाव ब्लास्ट आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर विवादित बयानों के कारण लगातार चर्चा में रही है। ऐसा लगने लगा है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर का पूरा चुनाव विवादों के साथ ही समाप्त होगा। अब इसमें एक प्रकरण और जुड़ा है कि 72 घंटे के चुनाव प्रचार पर रोक के दौरान प्रज्ञा ठाकुर के द्वारा लगातार चुनाव प्रचार किया गया है। इस जानकारी के बाद भोपाल जिला चुनाव अधिकारी ने उन्हें नोटिस भेजा है। यह नोटिस तीन दिन के बैन के दौरान भी प्रचार करने की शिकायत मिलने के बाद दिया गया है। अधिकारी ने इस नोटिस पर उनसे जवाब मांगा है।
बता दें, चुनाव आयोग ने उनके प्रचार पर 72 घंटे का बैन लगाया था। चुनाव आयोग ने एटीएस के पूर्व प्रमुख दिवंगत हेमंत करकरे और बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर बयानों के लिये भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर के चुनाव अभियान पर रोक लगाई थी। आयोग ने उनके बयानों की ‘कड़ी निंदा’ करते हुए उन्हें ‘भविष्य में कदाचार को नहीं दोहराने’ की चेतावनी दी थी। चुनाव आयोग ने कहा था कि हालांकि प्रज्ञा ने दिवंगत आईपीएस अधिकारी के खिलाफ अपने बयान के लिए माफी मांगी थी, लेकिन इस बयान को ‘अनुचित’ पाया गया है। प्रतिबंध दो मई (बृहस्पतिवार) सुबह छह बजे से लागू हुआ था।
गौरतलब है कि बैन के दौरान प्रज्ञा सिंह ठाकुर बृहस्पतिवार को मौन धारण कर विभिन्न मंदिरों में दर्शन करने गईं और हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने मंदिरों की गौशालाओं में पाले जा रहे गाय और बछड़ों को गुड़ और घास भी खिलाया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने भी चुनाव आयोग द्वारा उन पर भड़काऊ एवं सांप्रदायिक टिप्पणी करने के मामले में 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाने के बाद पिछले महीने भी ऐसा ही किया था।
अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस प्रकरण में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के ऊपर क्या कार्यवाही करता है और और भाजपा प्रत्याशी तथा मालेगाव ब्लास्ट आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के द्वारा नोटिस के जवाब में क्या कहा जाता है।