मानव तस्करी के मामले में नेपाल से लेकर भारत तक गैंग के तार बिछे
फारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी। मानव तस्करी के मामले में नेपाल से लेकर भारत तक गैंग के तार बिछे हुए हैं। जगह-जगह पर हर तरह के अलग-अलग लोग ऐसे गैंग के लिए काम कर रहे हैं जो नेपाल से नाबालिक ही नहीं बल्कि 20 से 25 साल की युवतियों को बहला-फुसलाकर दिल्ली तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
पिछले कुछ समय से भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल ने कई बार नेपाली लड़कियों को ले जाने के मामले में पकड़ा है और नेपाल पुलिस के अलावा नेपाल की महिला एनजीओ के सुपुर्द करने का कार्य किया है। लेकिन इसके बावजूद अभी तक पूरा गैंग नेपाली नाबालिक युवतियों को ले जाने वाला एसएसबी के अलावा पुलिस सहित एलआईयू आईबी की नजर में नहीं आया है।
नेपाल से नव युवतियों को ले जाने में गैंग का मास्टर कौन है। इसके तक आज तक कोई नहीं पहुंच सका है। लेकिन यह खेल बड़े पैमाने पर इन दिनों हो रहा है। गरीब देश होने के चलते गैंग के झांसे में नेपाली युवतियां फंस जाती हैं। पैसों के लालच में उनके झांसे की दलदल में फंस कर अपना घर-बार छोड़ उनके साथ चलने के लिए तैयार हो जाती हैं। लेकिन उन्हें यह नहीं पता है कि यह गैंग उनकी जिदगियों को नाश करने में लगा हुआ है। सूत्रों की मानें तो गैंग उनको ले जाने के बाद नाबालिक युवतियों को बेचने का कार्य करता है। ऐसा गैंग नेपाल से लड़कियों को दिल्ली तक पहुंचाने के लिए अलग-अलग चयनित किए गए लोगों को उनके कार्य के मुताबिक रकम भी देता है। गैंग के लिए काम करने पर मिलने वाली रकम का खुलासा हाल में ही पकड़ी गई एक युवती के साथ आरोपित युवक ने किया है। नेपाल से संपूर्णानगर तक लड़की को छोड़ने का 2000 एजेंट के रूप में काम करने वाले की दिया जाता है।