पायल तडवी केस – आरोपी डाक्टरों ने लिखा एमएआरडी को पत्र, कहा मीडिया के दबाव में काम कर रही पुलिस, जाने क्या कहा पायल की माँ आबिदा और पिता डॉ सलमान ने
तारिक आज़मी
मुम्बई। पायल तडवी केस में आज एक नया मोड़ आया है जब आरोपी डाक्टरी ने एमएआरडी को पत्र लिख कर मामले की निष्पक्ष जाँच की मांग किया है। आरोपी डाक्टरों का कहना है कि मामले में पुलिस मीडिया के दबाव में निष्पक्ष जांच नही कर रही है। महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स यानी एमएआरडी को लिखे एक खत में अंकिता खंडेलवाल, हेमा आहूजा और भक्ति मेहारे ने कहा कि वे चाहती हैं कि कॉलेज इस मामले में निष्पक्ष जांच करे और उन्हें “न्याय दे।”
तीनों चिकित्सकों ने पत्र में कहा, “पुलिस बल द्वारा मीडिया के दबाव में जांच करने का यह तरीका नहीं है। इसमें हमारा पक्ष नहीं सुना जा रहा। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिये। बताते चले कि एमएआरडी ने तीनों चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है। एमएआरडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि तीनों चिकित्सकों ने डॉ पायल तड़वी के खिलाफ जातिगत टिप्पणियां कीं। हम इस मामले में आगे की जांच के लिए पुलिस का सहयोग करेंगे।
गौरतलब है कि पायल तड़वी ने 22 मई को खुदकुशी कर ली थी। उसके परिवार का आरोप है कि चिकित्सकों ने उसके अनुसूचित जनजाति का होने को लेकर ताने मारे थे। तीनों डॉक्टरों पर अत्याचार कानून, रैगिंग विरोधी कानून और आईटी कानून और आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वही दूसरी तरफ पायल तड़वी की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र के ठाणे और पालघर में दो अलग-अलग रैलियां निकाली गईं। श्रमजीवी संगठन के बैनर तले ये रैलियां निकाली गईं। प्रदर्शनकारियों ने ठाणे और पालघर में कलेक्टरों से मुलाकात की और डॉक्टर तड़वी की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
पायल की माँ आबिदा ने कहा कि क्या सरकार उनकी बेटी की तरह की छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगी जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पायल उनके समुदाय की पहली महिला एमडी डॉक्टर होती। उन्होंने कहा, ‘‘पायल तुच्छ मुद्दों को लेकर अपने वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताड़ना के बारे में मुझे बताती थी। उन्होंने मरीजों के सामने उसके चेहरे पर फाइलें फेंककर मारीं।” आबिदा ने कहा, ‘‘पायल मुझसे वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताड़ना के बावजूद उनके खिलाफ लिखित शिकायत न देने के लिए कहती थी। वह कहती थी कि ऐसा करने से उनके करियर पर खराब असर पड़ेगा।”
पायल तडवी के पिता और पेशे से डॉक्टर सलमान ने आज एक बड़ा आरोप लगाते हुवे कहा कि यह संभव है कि तीन महिला डॉक्टरों ने पायल की हत्या किया हो। प्रदर्शनकारियों और तड़वी के परिजनों के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हुए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अगर “हमारी छोटी बहन के लिए न्याय की लड़ाई में” जरूरत हुई तो वह भी महाराष्ट्र का दौरा करेंगे। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया और अस्पताल के अधिकारियों को नोटिस जारी कर आठ दिन के अंदर यह बताने को कहा है कि उन्होंने रैगिंग विरोधी कानून को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए।