हाई कोर्ट का फैसला, फैसल लाला का शास्त्र लाईसेन्स हुआ बहाल
हर्मेश भाटिया
रामपुर. दिनांक 14 मई 2019 को कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खा लाला के अधिवक्ता हाजी कमाल अख़्तर ने बताया कि सपा सरकार में मंत्री रहते आज़म खा ने तत्कालीन ज़िलाधिकारी पर दबाव बनाकर कांग्रेस नेता फैसल लाला का रिवॉल्वर का लाइसेंस गैरकानूनी तरीके से निरस्त कराया था जिसको माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी माननीय न्यायालय ने माना कि मामला राजनीति से प्रेरित था इसलिए तत्कालीन ज़िलाधिकारी सहित तत्कालीन कमीशनर का लाइसेंस निरस्तीकरण का आदेश हाईकोर्ट ने निरस्त करते हुए कांग्रेस नेता फैसल लाला का लाइसेंस बहाल किया है।
विदित हों कि 2014 लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान मौहल्ला ठौठर में आज़म के मीडिया प्रभारी सहित समर्थको ने फैसल लाला पर जानलेवा हमला किया था. जिसका मुकदमा संख्या 95/14 फैसल लाला ने थाना गंज में दर्ज कराया था. बदले में पुलिस ने क्रास केस कांग्रेस नेता फैसल लाला पर भी दर्ज किया था, बाद में पुलिस ने दोनों मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया था. लेकिन क्रॉस केस में सीओ आले हसन ने फिर से विवेचना शुरू कराके फैसल लाला को गिराफ्तार कर दिया था. जेल में फैसल लाला ने भूख हड़ताल कर दी थी, भूख हड़ताल के चलते फैसल लाला की तबियत बिगड़ने पर जेलर ने फैसल लाला का पहले मेरठ और फिर दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में उपचार कराया था.
इसी प्रकरण में सपाईयों ने जेल में फैसल लाला को वीआईपी ट्रीटमेंट देने का आरोप लगाकर ज़िलाधिकारी के दफ़्तर में घुसकर खूब हंगामा काटा था. उसी मुकदमे को आधार बनाकर तत्कालीन ज़िलाधिकारी ने फैसल लाला का लाइसेंस निरस्त कर दिया था. इस लाईसेंस निरस्ती करण को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मामले को राजनीति से प्रेरित मानते हुए फैसल लाला के लाइसेंस को बहाल कर दिया है।