सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान : जिले में 26 नये टीबी के मरीज मिले
आसिफ रिज़वी
मऊ, 17 जून 2019 – पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 10 जून से 20 जून तक चलने वाले टीबी सक्रिय खोज अभियान के सातवें चरण हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय समीक्षा की जा रही है जिसके संबंध में जिला क्षय रोग अधिकारी ने जानकारी उपलब्ध कराई है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस.पी. अग्रवाल ने बताया कि अभियान के तहत तीन दिन में लगभग 76 हज़ार लोगों की स्क्रीनिंग हुई, जिसमें 443 लोगों के बलगम की जांच की गई। जांच के बाद कुल 26 नये टीबी के रोगियों की पहचान हुई तथा सभी का इलाज़ शुरु कर दिया गया है।
डीटीओ ने बताया कि टीबी की सभी जांच एवं इलाज मुफ्त उपलब्ध है। रजिस्टर्ड मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह पौष्टिक आहार के लिये दिया जाता है। टीबी की जांच के लिए जनपद में उच्च तकनीकी वाले 2 सीबीनॉट मशीन उपलब्ध हैं, जो एक जिला टीबी केंद्र में तथा दूसरी सीएचसी घोसी में कार्य कर रही है। उन्होने बताया कि जनपद में टीबी सक्रिय खोज अभियान के सफल संचालन हेतु 90 टीम तैनात की गयी हैं। प्रत्येक टीम में तीन-तीन प्रशिक्षित सदस्य, एक सुपरवाइजर, दो सुपरवाइजर पर एक सीएचसी एम्ओटीसी मानिटर डाटा मोनिट्रिंग का कार्य कर रहे हैं जिसके लिए कुल दस एम्ओटीसी तैनात हैं।
वर्ष 2019 में पब्लिक सेक्टर से 871 एवं प्राइवेट सेक्टर से 552 टीबी के मरीज नोटिफाई किए गये हैं, जिनमें से 65 एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंस) मरीज पाए गए जिनका इलाज जिला अस्पताल के डीआरटीबी सेंटर में चल रहा है।
डीटीओ ने जानकारी दी सामान्यतया टीबी के ये लक्षण हैं जो एक बार में पहचाने जा सकते हैं। दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खाँसी का आना, खाँसी के साथ बलगम का आना, बुखार आना (विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला), वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द, बलगम के साथ खून आना आदि इसके मुख्य लक्षण हैं।
वहीं टीबी के मरीजों को खांसते व छींकते समय नाक व मुंह को कपडें से ढक कर रखें और इधर-उधर न थूकें, जिससे यह अन्य लोगों में न फैले। इसमें से किसी तरह के लक्षण दिखाई देने पर सीधे अपने निकटतम सेंटर पर पर पहुच कर इलाज़ करा सकते हैं।