2025 तक करेगे भारत को टीबी मुक्त – सीएमओ

संजय ठाकुर

कभी शदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी रहे टीबी के मरीज
टीबी के लक्षण पाये जाने पर मिलेगे हर माह500 रुपये
जेल, ईट-भट्टा, मलिन बस्ती में प्रुमख रूप से चलेगा अभियान

मऊ, 08जून 2019- राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यकम के अंतर्गत पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम के सम्बन्ध में चलाये जा रहे सक्रिय टीबी खोजीअभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अभियान 10जून से 22जून तक दस कार्य दिवसों में चलेगा, टीबी एक जानलेवा रोग है फिल्म सुपर स्टार अमिताभ बच्चन भी इस क्षयरोग(टीबी) से ग्रषित थे उन्होंने निरंतर दवा का इस्तेमाल कर इस रोग पर विजय पाई।

जिलाक्षय रोग अधिकारी डॉ. एस.पी. अग्रवालद्वारा बताया गया कि अभियान की समस्त तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। जिले के प्रत्येक ब्लाक आबादी का 10 प्रतिशत लक्षित क्षेत्र आउट रिच एरिया ,ईट-भट्टा,मलिन बस्ती,जेल आदि प्रमुख क्षेत्र में संचालित होना है| वर्ष 2019 में पब्लिक सेक्टर से 896 एवं प्राइवेट सेक्टर से 582 टीबी के मरीज अबतक  नोटिफाई किए गये हैं, जिनमें से 65 एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंस) मरीज पाए गए जिनका इलाज जिला अस्पताल के डीआरटीबी सेंटर में चल रहा है अभियान के के लिये 89 टीमें लगी हैं। प्रत्येक टीम में 3 प्रशिक्षित सदस्य, 5 टीम पर 1 सुपरवाइजर लगे हैं, दो सुपरवाइजर पर एक सीएचसी एम्ओटीसी मानिटर डाटा मोनिट्रिंग का कार्य करेगें जिसके लिए कुल दस एम्ओटीसी तैनात होंगे।
टीबी के लक्षण :
दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खाँसी का आना, खाँसी के साथ बलगम का आना, बुखार आना (विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला), वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द, बलगम के साथ खून आना आदि इसके मुख्य लक्षण हैं। टीबी के मरीजों को खांसते व् छींकते समय नाक व् मुंह को कपडें से ढक कर रखें और इधर-उधर न थूकें, जिससे यह अन्य लोगों में न फैले|
सीएमओ डा. सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि जिले में 1अप्रैल 2018के बाद से चल रहे निक्षय पोषण योजना के तहत 500रुपये हर माह पौष्टिक आहार हेतु दिये जाते हैं। इसके तहत जनपद में अभी तक लगभग 2000 रोगियों के खातों में 33 लाख रुपये में दिये जा चुके हैं| जिन रोगियों में टीबी के संभावित लक्षण पाए जाते हैं उनको जिला अस्पताल में नवस्थापित टीआर टीबी सेन्टर में भर्ती कर इलाज शुरू किया जाता है तथा बलगम की जांच के लिए बीएचयू भेजा जाता है। टीबी की सभी जांच एवं इलाज मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है। जिले के सभी सरकारी एवं स्वैच्छिक संगठनों के चिकित्सालयों में टीबी की जांच व् इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है, साथ ही मरीज की सुविधा के लिए उनके निवास के नजदीक ही डॉट्स केंद्र बनाये गए हैं|

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