आसमान से बरस रही आग,बेचैन हो रहा इंसान

वाराणसी

ज्ञानपुर,भदोही। बढ़ती गर्मी लोगों के सेहत पर भारी पड़ रही है। अस्पतालों में डायरिया, फूड पॉइजनिंग, वायरल आदि से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की तादाद रोजाना बढ़ती जा रही है। इनमें से करीब 70 से 80 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं, जो पानी की कमी, कमजोरी, चक्कर आने, उल्टी-दस्त आदि के शिकार होते हैं। प्राइवेट अस्पतालों में इनकी तादाद सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा कहीं अधिक है। डॉक्टर लोगों को गर्मी के मौसम में सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। पिछले 4 दिनों की बात करें तो लगातार गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। सुबह होते ही अस्पताल में मरीजों की लंबी कतारें लगना शुरू हो जाती हैं। गिने-चुने चिकित्सकों पर रोजाना सैकड़ों मरीजों को देखने की जिम्मेदारी है। यही हाल सीएचसी और पीएचसी का है। चिकित्सकों के अभाव में इधर से उधर भटकने को मजबूर हैं।

आपको बता दें कि मौसम परिवार के तेवरों में तल्खी बरकरार है। भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। ऐसे में उल्टी, दस्त,और डायरिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ गई है। जिला अस्पताल में पीड़ित मरीजों की सुबह से लेकर दोपहर तक लंबी लंबी कतारें लगी रहती हैं ।वहीं मौसम विभाग ने इस सप्ताह से अच्छी बारिश की उम्मीद जताई है। लेकिन बारिश नहीं होने से लोग गर्मी से जूझने को विवश है। मौसम की मार से उल्टी, दस्त,लू, डायरिया आदि मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिला अस्पताल के ओपीडी में मौसम जनित बीमारियों से पीड़ित रोजाना डेढ़ सौ से दो सौ तक मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें बच्चों की संख्या काफी है। गंभीर हालत में पहुंचने वाले 20-25 मरीजों को रोजाना अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है।

जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉक्टर प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि लगातार पड़ रही गर्मी की वजह से उल्टी दस्त डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है। सामान्य दिनों की तुलना में इन दिनों चार गुना अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। बच्चे खास तौर पर इसका शिकार हो रहे हैं। हालांकि अस्पताल में इलाज के समुचित इंतजाम है। दवाइयों की कोई कमी नहीं है। आवश्यकतानुसार मरीजों को ग्लूकोस भी चढ़ाया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि लू लगने पर गले में जलन,छींक, खांसी, उल्टी आना, शरीर में दर्द होना, ठंड लगकर बुखार आना आदि से बचाव के लिए स्वच्छ पानी का सेवन करें। ठंडे पानी से परहेज करें। गले में जलन होने पर गरारे करें। इसके अलावा हाइपर एसिडिटी के लक्षणों में दस्त व उल्टीयां आना, पेट में जलन, खट्टी डकार आना। इससे बचाव के लिए चाय,काफी और अल्कोहल के सेवन से बचें। नींबू पानी, ठंडा दूध व दही का सेवन करें। वही पीलिया के लक्षणों में आंखों का रंग पीला होना, कमजोरी और भूख न लगना। पीलिया से बचाव के लिए बाहर के खाने से परहेज करें। पानी उबालकर पीएं।

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