बूंद बूंद पानी को तरसता प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र का यह इलाका, क्रांति फाउंडेशन ने किया क्षेत्र का दौरा
ए जावेद
वाराणसी. आज शनिवार को क्रांति फाउंडेशन के सदस्यों ने स्थानीय निवासियों की शिकायत पर जिवधिपुर व सरायनंदन क्षेत्र मे जाकर वहां के पेयजल संकट का मुआयना किया तथा आम जनता कि समस्याएं सुनीं। पिछले कई दिनों से क्रांति फाउंडेशन के सदस्य इन क्षेत्रों मे मौजूद पानी की समस्या के लिए संघर्ष कर रहे हैं। क्रांति फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई०राहुल सिंह के अनुसार काफी प्रयास से सरायनंदन के पंडिताना मोहल्ले मे पुराने पाईप मे पानी चालू भी किया गया लेकिन वो पानी भी काफी गंदा आ रहा है और पीने योग्य नहीं है। इसके अलावा कुछ घरों मे पानी आ रहा है लेकिन कुछ घर अभी भी बिना पानी के जल संकट से जूझ रहे हैं।
उधर बजरडीहा के जिवधिपुर ईलाके में भयंकर हालात बने हुए हैं। सरकारी कनेक्शन मे पानी की एक बूंद पिछले कई वर्षों से नसीब नहीं हुई है। इस क्षेत्र के लोग पीने के पानी के लिए कुंओं पर निर्भर हैं जो अब पूरी तरह सूखने के कगार पर हैं। कुछ निजी घरों मे सबमर्सिबल लगा हुआ है जहां सुबह और शाम लोगों की लंबी कतार लग जाती है। ये लोग भी पानी के लिए लोगों से पैसे लेते हैं। इस कारण आम जनता पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ तो स्थानीय निवासी सरकारी जलकर देते हैं दूसरी तरफ प्राइवेट घरों से पानी लेने का भी पैसा उन्हें देना पड़ता है। क्रांति फाउंडेशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या व स्थानीय निवासी अनीता बिंद बताती हैं कि सुबह हो या शाम सभी घरों मे दिनभर मात्र पानी के इंतजाम की चर्चा चलती रहती है। छोटे छोटे बच्चे बाल्टियों मे पानी ढोने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासी प्रेमशीला पटेल के अनुसार सभी स्थानीय निवासी कई बार इस विषय पर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं परंतु अधिकारियों और नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
हमसे बात करते हुवे राहुल सिंह ने कहा कि जिस तरह से बदतर हालत हो चुकी है इन इलाको की उनको देख कर लगता है कि प्रशासनिक अधिकारी कितने निरंकुश होते जा रहे है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो स्थानीय निवासी सड़क पर उतरकर चक्का जाम करने का मन बना रहे हैं। अब ये सरकार और अधिकारियों पर है कि वो ऐसी परिस्थितियों पर जल्द से जल्द ध्यान देकर उचित कदम उठायें। वही स्थानीय जन प्रतिनिधि से बात करने का प्रयास किया गया परन्तु उनसे बात नही हो पाई है.