भदोही स्टेशन अधीक्षक रह चुका है सोनभद्र नरसंहार का यह अपराधी कोमल सिंह

प्रदीप दुबे विक्की

भदोही का यह चर्चित नाम अब पूर्वांचल में बहुचर्चित हो चुका है। प्रदेश की राजनीति को उथल-पुथल करने वाले सोनभद्र नरसंहार मामले में पुलिस और खुफिया एजेंसी इन्हें साजिशकर्ता मान रही है। इनके खिलाफ हत्या समेत कई मुकदमे दर्ज हुए हैं। चश्मदीद इन्हें गोली चलाते हुए देखे हैं। इन्हें बनारस से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अब प्ररकण से जुड़े कई राज उगलवाने में जुटी हुई है। यह मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान का रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। इसलिए इनकी पूरी कुंडली निकाली जा रही है। आखिर रेलवे में कार्यरत यह अफसर कैसे थोड़े समय में बेशकीमती जमीनों का मालिक बन बैठा। इनके पास इतना पैसा आया कहां से।

रेलवे में कोमल का सिक्का चलता है। एक दशक से ज्यादा उनकी तैनाती भदोही स्टेशन अथवा इर्द-गिर्द रही। ऊंची पहुंच के चलते उनका कोई बाल भी बाका नहीं कर सका। हालांकि शिकायतें तो खूब हुईं, लेकिन उन्हें कोई टस से मस नहीं कर सका। हर शिकायत हाईकमान पहुंचकर रद्दी बन जाती थी। पुलिस सूत्र बता रहे कि इन्होंने केवल सोनभद्र में ही नहीं जमीनें खरीदी बल्कि मीरजापुर समेत पूर्वांचल के कई जिलों में जमीनें खरीदते और बेचते थे। अब पूरा सच पुलिस खंगाल रही है।

*17 जुलाई को हुआ था नरसंहार, सकते में शहर*

सोनभद्र में गत 17 जुलाई को हुए नरसंहार में स्टेशन अधीक्षक को भी आरोपी बनाया गया है। मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई है लेकिन कालीननगरी में इसे लेकर तमाम सवाल हैं। उनकी कार्यशैली को लेकर मंथन शुरू हो गया है। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों से लेकर आमजन तक सोनभद्र कांड में अधीक्षक की संलिप्तता पर खुली चर्चा कर रहे हैं।

पहले वे रहते थे प्रयागराज वाले मकान में

सोनभद्र निवासी कोमल ने एक दशक पूर्व प्रयाग स्टेशन के चंद कदम दूरी पर मकान बनवाया था। उसमें वह परिवार के साथ रहते थे। वर्ष 2009 में बतौर स्टेशन अधीक्षक पर नियुक्ति भदोही हुई। वे यहां चार वर्ष तक रहे, वर्ष 2013 में उनका तबादला जंघई स्टेशन हुआ। इस बीच भदोही में किसी स्टेशन अधीक्षक की नियुक्ति नहीं की गई। कोमल को भदोही का प्रभार भी सौंप दिया गया। दो वर्ष तक वे जंघई के साथ भदोही स्टेशन अधीक्षक की भूमिका में रहे। 2015 में रमेश शुक्ला को भदोही का स्टेशन अधीक्षक बनाया गया। हालांकि 31 जनवरी 2016 को श्री शुक्ला के सेवानिवृत्त होने के बाद पद पुन: रिक्त हो गया। ढाई माह तक वरिष्ठ स्टेशन मास्टर आलोक कुमार ने एसएस की जिम्मेदारी संभाली। मार्च 2016 में कोमल पुन: भदोही स्टेशन अधीक्षक बना दिए गए, तब से अब तक वे पद पर बने रहे।

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