सम्भल – बेख़ौफ़ होता अपराध, दो सिपाहियों की हत्या कर 3 कैदी पुलिस वैन से फरार
तक्शीर हुसैन
मुरादाबाद. ओपी सिंह की एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस भले जितने भी एनकाउंटर करती रहे मगर अपराधियों के हौसले दिन दुने रात चौगुने बढ़ चुके है। हौसला बुलंद बदमाशो का भले ही उत्तर प्रदेश पुलिस एनकाउंटर करने का दावा कर रही है मगर बदमाश पुलिस को चुनौती देने में बाज़ नही आ रहे है। ताज़ा मामला सम्भल का सामने आया है जहा बदमाशो ने दो पुलिसकर्मियों की हत्या करके उनके असलहे लूट लिये और बंदी वाहन से फरार हो गए।
घटना के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के अनुसार चन्दौसी न्यायालय में पेशी के बाद वापस मुरादाबाद जेल ले लाए जा रहे तीन बंदी चन्दौसी थानाक्षेत्र में शाम को करीब पांच बजे वैन में मौजूद दो सिपाहियों की हत्या कर फरार हो गए। बंदियों ने योजनाबद्ध तरीके से सबसे पहले सिपाहियों की आंख में मिर्च पाउडर डाला। उसके बाद उन्हें अपने पास मौजूद पिस्टल और तमंचे से गोली मार दी। इससे दोनों सिपाहियों की मौके पर ही मौत हो गई। बदमाश दोनों सिपाहियों की रायफल लेकर फरार हो गए।
आरोपितों के हमले में मारे गए दोनों सिपाहियों के नाम हैं हरेंद्र पुत्र शिवचरन सिरोही निवासी चंदपुरा कोतवाली देहात जनपद बिजनौर और ब्रजपाल निवासी तेलोन गली थाना बिजनौर हैं। इनकी तैनाती सम्भल पुलिस लाइन में थी। उनकी ड्यूटी मुरादाबाद जेल से बन्दियों को ले जाने वाली वैन में लगाई गई थी। बुधवार सुबह बंदियों की वैन में चार अन्य सिपाहियों के साथ हरेंद्र और ब्रजपाल सम्भल जिले के चन्दौसी स्थित दीवानी न्यायालय के लिए चले थे। वैन में 24 बंदी सवार थे।
पेशी के बाद शाम को वे बंदियों को लेकर मुरादाबाद लौट रहे थे। सम्भल जिले के बनियाठेर थानाक्षेत्र के देवाखेड़ा गांव के पास चलती वैन में अचानक तीन बंदियों ने सिपाहियों की आंख में मिर्च पाउडर डाल दिया और उन पर अपने पास छुपाकर रखे गए पिस्टल और तमंचे से ताबड़तोड़ फायर कर दिया। बताया जाता है कि बदमाशों के तीन से चार साथियों ने बाहर से भी वैन पर फायरिंग की है। बदमाशों ने सात से आठ राउंड गोली चलाई, जिससे दोनों सिपाहियों की मौके पर ही मौत हो गई।
गोली चलने के बाद लगभग सौ मीटर आगे जाकर ड्राइवर ने वैन रोक दी। इसके बाद तीनों बदमाशों ने खुद ही वैन का दरवाजा खोल दिया और भाग गए। वैन में मौजूद कांस्टेबल खूब सिंह ने मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों को फिलहाल यही जानकारी बताई है। उसने यह भी बताया है कि बाहर से तीन-चार लोगों ने भी फायरिंग करके बंदियों को छुड़ाने में मदद की है। फरार बदमाशों के पास चाकू भी था। बदमाशों के फरार होने के बाद शेष बन्दी वैन के पास ही रहे। वैन में मौजूद चार अन्य पुलिस कर्मियों से पूछताछ की जा रही है। पूरे क्षेत्र में पुलिस ने घेरेबन्दी कर रखी है।
यहाँ एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि पेशी पर जाने वाले बंदी पुलिस के सख्त निगरानी में रहते है। जेल के अन्दर आल इज वेल कहने वाला जेल प्रशासन इस बात को कभी नही मानने को तैयार होगा कि असलहे जेल के अन्दर है। फिर ये असलहे उन बदमाशो के पास आये कहा से ये एक बड़ा सवाल है। अगर पेशी के दौरान किसी ने असलहा लाकर दिया ये मान लिया जाये तो समस्त सुरक्षा घेरे में रहने वाली कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशाँन उठता है।
बहरहाल, पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। क्षेत्र में हर एक चेकपोस्ट पर चेकिंग के साथ पुरे जिले में तगड़ी चेकिंग किया जा रहा है। प्रशासन हर प्रयास फरार बंदियों के वापस गिरफ्तारी का कर रही है। वैन में मौजूद अन्य पुलिस कर्मियों से भी तफ्तीश जारी है। मामले की गंभीरता को देखते हुवे उच्चाधिकारी सभी मौके पर पहुच चुके थे। समाचार लिखे जाने तक मृत सिपाहियों के शव का पंचनामा करके पुलिस ने पोस्टमार्टम हेतु लाश भेज दिया है। मृतक के परिजनों को इसकी इत्तला दिया जा चूका है।