कमिश्नर की बातों का नही हुवा कोई असर, एक और बेजुबान गाय मरी, जाने कब टूटेगी जिम्मेदारो की नींद,
सरकार ने बड़ा कदम उठाया है कि गायो की सुरक्षा हो सके। उनको समय से भोजन पानी मिल सके। उनकी सेवा सत्कार हो सके। मगर जिम्मेदारो ने सरकार के प्लान को ही चौपट कर रखा है। सवाल ये उठता है कि जब पाल नही सकते तो बेजुबानो को क्यों कैद कर दिया है यहाँ। कम से कम सडको पर बाजारों में इनका इंसानियत के नाते तो लोग दवा इलाज करवा देते है। आखिर श्याम बाबु कब जागेगे इसका इंतज़ार इन बेजुबान गायो को भी है।
प्रदीप दुबे विक्की
औराई भदोही। कमिश्नर आनंद सिंह के दौरे का कोई असर दिख नही रहा है हाल ही में कमिश्नर आंनद सिंह ने जिला का अचानक दौरा किया और खण्ड विकास अधिकारी औराई श्याम जी को कड़ी फटकार भी लगाई ।मगर हकीकत जस की तस बनी हुई है।
लाखो खर्च हो चुका है ,मगर न ही पशुओं के लिए छाजन हुआ न ही चन्नी की व्यवस्था हुई। कमिश्नर साहब ने कहा कुछ भी तो जमीन पर नही दिख रहा है। हो सकता है कि आए दिन वो मर जरूर रहे हों। पूरी बरसात में खुले आसमान के निचे भीग रही है गाये, और जो छाजन की आड़ में इधर उधर जाती है तो कभी नाले में गिर जाती है । उनको काफी चोट भी अआती है। क्योंकि नाले भी 8 फीट से कम गहरे नही है।
कभी जंगलों की तरफ जाती है, हरी घास खाने तो विषैले जंतुओं का शिकार हो जाए है।अगर ऐसे ही चलता रहा तो सब को लगेगा कि पशुओं को हमने अस्थाई गौसाला में छोड़ा ।मगर जब कभी वो उनको देखने जायेगे तो उनको लगेगा कि हमने इनको मौत की मुह में डाल दिया है।सरकार कितने भी दावे करे मगर हकीकत भदोही औराई चीनी मिल(बंद पड़ी) है। जमी पर यही है। जहा कभी हजारो की तादात में लोगो को रोजगार मिलता था आज वहा पशुओं का कंकाल दिखता है। जमी पर पड़े चारे सड़ रहे है। मगर खण्ड विकास अधिकारी श्याम जी जिनके हाथों में जिमेवारी है पता नही कब उनकी नीद खुलेगी।